डॉक्टरों के लिए काल बना कोरोना, एमपी में एक दिन में पांच की मौत, जयारोग्य अस्पताल के दो
ग्वालियर एमपी में कोरोना की दूसरी लहर डॉक्टरों की जान ले रहा है। मंगलवार को पूरे एमपी में पांच सीनियर डॉक्टरों की जान कोरोना से गई है। इसमें दो भोपाल और दो ग्वालियर के हैं। ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल के दो डॉक्टरों की मंगलवार को कोरोना से मौत हो गई। कोरोनकाल का यह पहला मामला है, जब जयारोग्य अस्पताल में डॉक्टर की मौत हुई है। खास बात यह है कि दोनों ही डॉक्टरों ने वैक्सीन के पूरे दोनों डोज भी अभी तक नहीं लिए थे। इन दोनों की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। डॉ. देवेन्द्र तो कैजुअल्टी में मरीजों का उपचार करते-करते ही कोविड संक्रमित हुए थे। साथ ही डॉ. अपेक्षा भाले को कैंसर और किडनी जैसी बीमारी होने की बात सामने आई है।
दरअसल, जयारोग्य अस्पताल के कैजुअल्टी में बतौर मेडिकल ऑफिसर पदस्थ 45 साल के डॉ. देवेन्द्र सिंघार और PSM (प्रीवेंड सोशल मेडिसिन) डिपार्टमेंट में पदस्थ 55 साल की डॉ. अपेक्षा भाले ने मंगलवार सुबह कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। जब यह JAH में उनके साथियों के पास पहुंची तो उनके लिए किसी झटके से कम नहीं था। डॉक्टरों को विश्वास भी नहीं हो रहा था कि यह आखिर हो कैसे गया। खासबात यह है कि दोनों डॉक्टरों को 6 मई को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद JAH के सुपर स्पेशियिलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बीच में हालात में सुधार भी आया, लेकिन सोमवार रात को अचानक हालत बिगड़ी और मंगलवार सुबह दोनों ने दम तोड़ दिया। कोरोना से जान गंवाने वाले डॉ. देवेन्द्र सिंघार, आखिरी समय तक लोगों को समझाते रहे वैक्सीन जरूरी है। वह मूल रूप से इंदौर के पास धार के रहने वाले थे।
MBBS की पढ़ाई उन्होंने ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज से ही की है। दो साल पहले उनकी नियुक्ति JAH के कैजुअल्टी में बतौर मेडिकल ऑफिसर हुई थी। 6 मई को मरीजों को देखते-देखते हल्का फीवर आने पर उन्होंने अपनी कोरोना की जांच कराई थी। उसी दिन वह कोविड संक्रमित हुए थे। शाम को जब उनकी ऑक्सीजन सेचुरेशन 85 पर आ गई तो साथी डॉ. राकेश बघेल ही उनको सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल तक लेकर गए थे। इसके बाद उनकी हालत में सुधार भी हो गया था, लेकिन सोमवार रात अचानक उनकी हालत बिगड़ी उनका BP नीचे गिरने लगा। तत्काल वेंटिलेटर पर उनको डालना पड़ा। सुबह 5.45 बजे उनके डॉ. देवेन्द्र के निधन की खबर ने पूरे JAH के डॉक्टरों को हिलाकर रख दिया।
डॉक्टर के बारे में पता लगा है कि उनकी अभी शादी नहीं हुई थी। उनकी भाभी बड़वानी में CMHO हैं और भाई कृषि विभाग में है। एक भाई दिलीप ने सोमवार रात 8 बजे उनसे मुलाकात की थी। पर हालात खराब होने पर वह कुछ बोल नहीं सके थे। वहीं, जयरोग्य अस्पताल के PSM में बतौर सीनियर डेमोस्टेटर पदस्थ 55 साल की डॉ. अपेक्षा भाले को भी 6 मई को कोविड ने घेरा था। वह पहले से ही कैंसर और किडनी की बीमारी से परेशान थीं, लेकिन लगातार अस्पताल आकर काम कर रही थीं। साथियों ने उनको भी JAH के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां सोमवार रात उनकी हालत बिगड़ी और देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉ. अपेक्षा भाले भी कोविड आने से पहले तक लगातार अपने काम को करती रहीं। परिवार में पति, बेटा व बेटी है। पति ललितपुर में बतौर डॉक्टर पदस्थ हैं। बेटा श्रेयस IIT से पास होकर इंजीनियर है। बेटी मानसी ने ग्वालियर से ही MBBS किया है और अब मुंबई से MD कर रही है। डॉ. अपेक्षा भाले खुद महाराष्ट्र के मिरज मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद सितंबर 2004 में ग्वालियर JAH में नियुक्त हुई थीं।
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