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नामी वकीलों की इतनी मोटी फीस! सिंघवी ने किया बड़ा खुलासा

नई दिल्ली में अपने क्‍लाइंटों की पैरवी करने के लिए मोटी फीस वसूलने का ट्रेंड किसने शुरू किया? यह कोई और नहीं बल्कि थे। सीनियर एडवाकेट एएम सिंघवी और विकास सिंह की हंसी-हंसी में शुरू हुई बात से इसका खुलासा हुआ। शीर्ष न्‍यायायल में वैकेशन बेंच के सामने एक मामले की वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान बात-बात में इसे लेकर चर्चा होने लगी। इस दौरान पता चला कि सुप्रीम कोर्ट में मामलों में पैरवी के लिए मोटी फीस लेने का ट्रेंड जाने-माने एडवोकेट और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने शुरू किया था। देश के टॉप वकीलों में से एक सिंघवी ने कहा कि इस तरह की भारी-भरकम फीस वसूलना थोड़ा अजीब है। इस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के दो बार प्रेसीडेंट रहे मुरली भंडारे ने कहा कि उन्‍होंने एक प्रस्‍ताव पारित किया था। इसमें सीनियर एडवोकेट की ओर से वसूली जाने वाली फीस पर सीमा लगाने की बात कही गई थी। सिंघवी ने बताया कि शांति भूषण ने इस रेजॉल्‍यूशन को फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि एससीबीए सीनियर एडवोकेट की फीस तय करने वाले रेजॉन्‍यूशन को कैसे लागू कर सकता है। सिंह ने सिघवी से सहमति जताई कि शांति भूषण ने ही मोटी फीस लेने का ट्रेंड शुरू किया है। अभी सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए अपने क्‍लाइंटों से 10 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं। एससीबीए के प्रेसीडेंट विकास सिंह ने हंसी-हंसी में यह बात शुरू की। उन्‍होंने पूछा कि सॉलिस‍िटर जनरल तुषार मेहता, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और उनमें कौन ज्‍यादा कमा रहा है। जब एसजी ने एजी की कमाई का खुलासा करने से मना कर दिया तो सिंह ने कहा कि यह बात अब बाहर आ चुकी है। एसजी ने तुरंत कहा कि एजी बनने से पहले ही वेणुगोपाल ज्‍यादा फीस चार्ज कर रहे थे। उन्‍होंने कहा, 'मेरी इनकम से निश्चित ही एजी की इनकम ज्‍यादा है।'


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