कोरोना का ऐसा था डर.. ढाई महीने में प्रयागराज के लोग खा गए दो करोड़ की पैरासिटामोल
प्रयागराज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कोरोना दहशत के बीच बिना टेस्टिंग के लिए ही लोग करोड़ों के खा गए। संक्रमण काल के दौरान बुखार-खांसी से पीड़ित लोग कोविड जांच कराने से बचते हुए दुकान से दवाएं खरीद कर काम चलाने में ही अपनी भलाई समझी। दवा के थोक कारोबारियों के रेकॉर्ड के अनुसार, महामारी के बीच पैरासिटामोल टेबलेट और सीरप की खूब बिक्री हुई। के सेल्स रेकॉर्ड के मुताबिक, 20 मार्च से अब तक करीब दो करोड़ रुपये की टेबलेट और सीरप शहर और देहात में बिक्री हुई है। इस दौरान इन दवाओं के रेट में भी कुछ तेजी आई हैं। अचानक बढ़ी थी पैरासिटामोल की डिमांड केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के स्वास्थ्य विभाग को दिए गए आकंडों के अनुसार, प्रयागराज में मंगाए गए थोक माल के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोविड-19 की शुरुआत से ही पैरासिटामोल की मांग आसमान छूने लगी थी और अचानक बाजार से स्टॉक खत्म होने लगा। प्रयागराज में कई जिलों से आती हैं दवाएं प्रयागराज में प्रदेश के कई जिलों से दवाइयों का स्टॉक मंगाया जाता है। इनमें से 60 फीसदी दवाएं लखनऊ और 20 से 25 फीसदी दवाएं वाराणसी से आती हैं। इसके अलावा मेरठ से भी जिले में दवाएं मंगाई जाती हैं। कोविड-19 से जुड़े लक्षणों में अन्य के साथ बुखार अहम था। ऐसे में लोग पैरासिटामोल पर विश्वास ज्यादा बना, इसलिए खरीदारी भी लोगों ने खूब की।
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