वैशाख-बुद्ध पूर्णिमा पर असर दिखाएगी चंद्र ग्रहण की उपछाया
छिंदवाड़ा। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को है। बुधवार के दिन पड़ रहे ग्रहण को भारत के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। वैशाख मास की पूर्णिमा में पडे के कारण चंद्र ग्रहण बेहद खास रहेगा। यह उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में देखा जा सकेगा। ज्योतिशास्त्र के अनुसार इस वर्ष चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है। ऐसे में मेष, कर्क सहित 5 राशियों को सावधान रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण का उपछाया ग्रहण होगा। इस वजह से इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव नहीं होगा। इस दिन वैशाख और बुद्ध पूर्णिमा भी है। इस बार वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होगा। गौरतलब है कि 26 मई को दोपहर 2.17 बजे ग्रहण शुरू होगा और शाम 7.19 बजे खत्म होगा। इसका प्रभाव वृश्चिक राशि के लोगों पर सबसे ज्यादा होगा। वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण भारत में उपछाया की तरह दिखेगा। उपछाया ग्रहण में किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों का पाबंदी नहीं होती है। इसलिए इस दिन सूतक काल नहीं माना जाएगा। ग्रहण काल के दौरान भी मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे। इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर रोक नहीं रहेगी।
5 राशियों में बरतें सावधानी
मेष राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण में सावधान रहने की जरूरत है। मंगल के स्वामित्व वाले मेष के जातकों को सतर्क रहना होगा। चंद्र ग्रहण कर्क राशि के जातकों पर दुष्प्रभाव डालेगा। इसके अशुभ प्रभाव के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। सिंह राशिवालों के ऊपर काम का बोझ अधिक रहेगा। साथ ही कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से तुला राशि के जातकों के गुस्सें में इजाफा होगा। किसी के साथ विवाद हो सकता है। कुंभ राशि वालों को चंद्र ग्रहण के कारण बेहद सावधान रहने की जरूरत है। किसी करीबी के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है।