घर या दफ्तर में कोरोना संक्रमण से बचाव - के लिए होना चाहिए क्रॉस वेंटिलेशन
नई दिल्ली: जब से कोरोना वायरस (Coronavirus Spread In Air) भारत में आया है उसके बाद से अब तक बहुत सारी स्टडी सामने आई हैं। कोरोना पर अभी भी विश्व के तमाम देशों में रिसर्च हो रही है। इस भयानक वायरस को रोकने के लिए हर स्तर पर तैयारियां हो रही हैं। गुरुवार को भारत सरकार के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर ने एक अडवाइजरी जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस हवा में 10 मीटर तक जा सकता है।
वेंटिलेशन पर दिया गया जोर
अडवाइजरी में कहा गया है कि घर या दफ्तर में वेटिलेंशन अच्छा है तो इससे वायरल लोड कम होता है। वेंटिलेशन सही होने से एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण होने के चांस कम होते हैं। अडवाइजरी में वेंटिलेशन को कम्युनिटी डिफेंस कहा गया है। इसमें कहा गया है कि जैसे कोई भी गंध खुले दरवाजे, खुली खिड़की या वेंटिलेशन की वजह से कम हो जाती है उसी तरह अच्छे वेंटिलेशन से हवा में वायरस लोड भी कम हो जाता है।
सेंट्रल एयर फिल्टर में सुधार से हो सकती है मदद
सलाह दी गई है कि दफ्तर, घर या पब्लिक प्लेस में बाहर की हवा आने और वेंटिलेशन में सुधार जरूरी है। इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने चाहिए। दफ्तर और घर में वेंटिलेशन के संदर्भ में सलाह दी गई है कि सेंट्रल एयर मैनेजमेंट सिस्टम वाली इमारतों में सेंट्रल एयर फिल्टर में सुधार करने से काफी मदद मिल सकती है। घर में पंखा कहां पर लगाया गया है यह अहम है। पंखा ऐसी जगह पर नहीं होना चाहिए जहां से दूषित हवा सीधे किसी और तक जा सके। क्रॉस वेंटिलेशन और एक्जॉस्ट फैन से मदद मिल सकती है।
इस तरह फैलता है वायरस
अडवाइजरी में बताया गया है कि सलाइवा (लार) और नेजल डिस्चार्ज (नाक से निकलने वाला डिस्चार्ज) ड्रॉपलेट और एरोसेल के जरिए वायरस फैला सकते हैं। एक संक्रमित व्यक्ति के सांस बाहर छोड़ने, बात करने, गाना गाने, हंसने, खांसी करने या छींकने से वायरस फैलता है, यह वायरस फैलने का प्राथमिक तरीका है। एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं है वह भी वायरस फैला सकता है।
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