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GWALIOR News: नरेश्वर पहाड़ी के टीलों के नीचे मिले सैकड़ों साल पुराने ये अवशेष

ग्वालियर: एमपी में कई ऐतिहासिक चीजें हैं। ग्वालियर जिले से 25 किलोमीटर दूर मुरैना जिले मे स्थित नरेश्वर इलाके की पहाड़ियों के आसपास 1200 साल पुराने नगर की बसाहट के प्रमाण मिले हैं। यहां स्थित टीलों के नीचे दबे कुछ क्षेत्रों में 14 से 15 फीट ऊंचाई वाले दो मंजिला मकानों के अवशेष मौजूद हैं। इनमें रसद और कीमती सामान को सुरक्षित रखने के लिए दीवार में ही तिजोरीनुमा गुप्त स्थान और छत पर आने-जाने के लिए सीढ़ियां भी दिखती हैं। खास बात यह है कि इन मकानों के पीछे बरसाती नदी और बस्ती से कुछ दूरी पर बड़े तालाब की संरचना भी है, जो यहां प्राचीन नगरीय सभ्यता के आधार पर बसाहट की गवाही देते हैं। 

पुरातत्व विशेषज्ञों ने यहां पर 80 से 100 मकान पहाड़ी के नीचे दबे होने की संभावना जताई है। जो प्रमाण सामने आए हैं, उसके मुताबिक नगर में आने-जाने के लिए प्रवेश द्वार भी बना था। यहां पर दो खंभे नजर आते हैं। यहां 4 फीट चौड़ी सुरक्षा दीवार भी है। घरों के अंदर रात्रि के वक्त उजाला करने के लिए आले बने हुए हैं जो अक्सर आज के समय ग्रामीण इलाकों में देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही पहाड़ी पर पान की खेती होती थी, इसके अवशेष भी मौजूद हैं। खास बात यह है कि ग्वालियर जिले मे आज भी कई इलाकों में पान की खेती आज भी होती है, इसके अलावा तालाब भी बना हुआ है। 

दरअसल, इस इलाके में कई प्राचीन अवशेष मिलते रहे हैं, जिसमें साल-साल 1996-97 में एएसआई ने मुरैना जिले के कुंतलपुर में खुदाई कराई थी। यहां पर महाभारत कालीन अवशेष मिले थे। वहीं, 2005 बटेश्वर स्थल पर टीलों में ऐतिहासिक मंदिर मिले थे। इनका कुछ मलबा ऊपर ही दिखता था। इन्हें सहेजकर 100 शिव मंदिर स्थापित कर दिए गए हैं। पुरात्तव विभाग का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद इस इलाके मे टीम भेजकर सर्वे किया जाएगा।



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