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ब्लैक फंगस का प्रकोप: एंडोस्कोपी का विकल्प बना ब्रांकोस्कोपी


जबलपुर: ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ने के कारण नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो ऑपरेशन थिएटर चालू किए गए हैं। यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा ताकि मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार न करना पड़े। इसी प्रकार एंडोस्कोपी का विकल्प भी मेडिकल ने ढूंढ लिया है। एंडोस्कोपी से हाेने वाले ऑपरेशन में अब ब्रांकोस्कोपी भी सहारा बन रही है। मेडिकल के डीन डॉ. प्रदीप कसार की पहल पर नाक कान गला रोग विभाग को दो ब्रांकोस्कोपी मशीन प्रदाय की गई है। जिसके बाद दोनों ऑपरेशन थिएटर ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के ऑपरेशन के लिए खोल दिए गए।

ब्रांकोस्कोपी को भी एंडोस्कोपी की तर्ज पर उपयोग में लाया जा रहा है। इधर, मेडिकल में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज भर्ती किए गए। 53 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। अब तक आठ मरीजों को जान गंवानी पड़ी है। जान गंवाने वाले मरीज विलंब से अस्पताल पहुंचे थे। उनकी जान बचाने के लिए चिकित्सकों को ऑपरेशन का भी समय नहीं मिला। वर्तमान में मेडिकल में भर्ती ब्लैक फंगस के 123 मरीजों में दो कोरोना वायरस से भी संक्रमित हैं।


सुबह से रात तक होते हैं ऑपरेशन: नाक कान गला रोग विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने बताया कि ब्लैक फंगस मरीजों के ऑपरेशन में विलंब न होने पाए। इसलिए सुबह से देर रात तक मेडिकल में ऑपरेशन किए जा रहे हैं। दो शिफ्ट में ऑपरेशन कर रोजाना कम से कम 5-6 मरीजों के ऑपरेशन करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक किसी भी मरीज की आंख निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ी। इतना ही नहीं मस्तिष्क तक पहुंच चुके ब्लैक फंगस के तीन मरीजों के ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से संभावित किसी भी तरह के लक्षण सामने आने पर बिना देर किए उपचार के लिए मेडिकल पहुंचे।

होम आइसोलेशन में भी ब्लैक फंगस का हमला: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिरुद्ध शुक्ला ने बताया कि पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस की समस्या सामने आ रही है। कुछ ऐसे मरीज भी ब्लैक फंगस की चपेट में आए जो होम आइसोलेशन में कोरोना का इलाज करवा रहे थे। परंतु स्टेराइड के उपयोग के कारण शुगर बढ़ने से ब्लैक फंगस ने घेर लिया। स्टेराइड के उपयोग से शुगर की मात्रा बढ़ने व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा। इसलिए होम आइसोलेशन के दौरान भी कोरोना मरीजों को शुगर नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए।


मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. प्रदीप कसार ने कहा 

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की गई है। दो ऑपरेशन थिएटर की सुविधा दी गई है ताकि शल्यक्रिया कि लिए मरीजों काे प्रतीक्षा न करनी पड़े। नाक कान गला विभाग को दो ब्रांकोस्कोपी दी गई है।

 SOURCE: नई दुनिया