इजरायल - फलस्तीन संघर्ष पर क्या थे अटल बिहारी वाजपेयी के विचार? ये वीडियो हुआ वायरल

नई दिल्ली आज जब इजराइल और फलस्तीन एक-दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे हैं तो इसकी तपिश दुनिया के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी महसूस की जा रही है। यहां इजराइल और फिलिस्तीन के समर्थक गुटों के बीच सोशल मीडिया पर जंग चल रही है। दोनों तरफ से अलग-अलग हैशटैग के जरिए समर्थन और विरोध में अभियान चलाए जा रहे हैं।
1977 का भाषण अब वायरल
इसी दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक भाषण वायरल हो गया है जिसमें वो फलस्तीन का खुलकर समर्थन करते हुए इजरायल को आक्रामणकारी बता रहे हैं। वाजपेयी का वो भाषण 1977 में जनता पार्टी की विजय रैली का है जिसमें वो इजराइल-फलस्तीन के बारे में नई सरकार की सोच बताते हुए कहते हैं - "अरबों की जिस जमीन पर इजराइल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी।" नीचे के वीडियो में 20:56 से 23:00 के बीच अटल इजरायल-फलस्तीन के मुद्दे पर बिल्कुल बेबाक राय रख रहे हैं।
जब अटल ने कहा- इजराइल कब्जा कर बैठा है
अटल कहते हैं, "ये कहा जा रहा है कि जनता पार्टी की सरकार बन गई। वो अरबों का साथ हीं देगी, इजराइल का साथ देगी। आदरणीय मोरारजी भाई स्थिति को स्पष्ट कर चुके हैं। गलतफहमी को दूर करने के लिए मैं कहना चाहता हूं कि हम हरेक प्रश्न को गुण और अवगुण के आधार पर देखेंगे। लेकिन मध्य पूर्व के बारे में यह स्थिति साफ है कि अरबों की जिस जमीन पर इजराइल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी।"
इजराइल को अटल ने बताया था आक्रमणकारी
उनका भाषण आगे बढ़ता है और वो कहते हैं, "आक्रमणकारी, आक्रमण के फलों का उपभोग करे, ये हमें अपने संबंध में स्वीकार नहीं है। तो जो नियम हम पर लागू है, वो औरों पर भी लागू होगा। अरबों की जमीन खाली होना चाहिए। जो फिलिस्तीन है और जो फिलिस्तीनी हैं, उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होना चाहिए। इजरायल के अस्तित्व को सोवियत रूस, अमेरिका ने भी स्वीकार किया है। हम भी स्वीकार कर चुके हैं।"
स्थाई शांति की वकालत
अटल ने कहा, "मध्य पूर्व का ऐसा हल निकालना पड़ेगा जिसमें आक्रमण का परिमार्जन हो जो स्थाई शांति का आधार बने। गलतफहमी की गुंजाइश कहां है? लेकिन, शायद वक्ता के नाते मैं अपने अधिकार का अतिक्रमण कर रहा हूं। अभी तो नए विदेश मंत्री होंगे जो हमारी विदेश नीति पर प्रकाश डालेंगे। कुछ कहना होगा तो आदरणीय मोरारजी भाई कहेंगे। लेकिन, मेरा संबंध ऐसी पार्टी से रहा है जिसका हौवा खड़ा करके चुनाव में ये कहा जाता था कि जनता पार्टी पर जनसंघ हावी है और जनसंघ मुसलमानों का दुश्मन है। कोई इस झूठे प्रचार में नहीं आया, यह बड़ी खुशी की बात है।"
जनता पार्टी विजय रैली का भाषण
1977 में जनता पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन की जीत के मौके पर दिल्ली में एक रैली का आयोजन किया गया। जनता पार्टी ने 270 सीटें जीती थीं और उसके सहयोगी दल 'कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी' को 28 सीटें मिली थीं। इसके दम पर जनता पार्टी ने पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने विजय रैली में दिए अपने भाषण में इजराइल-फिलिस्तीन के मुद्दे का भी जिक्र किया। इसकी एक बड़ी वजह थी। वो थी- दिल्ली के शाही इमाम का चुनाव से पहले मुसलमानों को दिया गया यह हुक्म कि वो इंदिरा गांधी के कुनबे को हराने के लिए जनता पार्टी को वोट करें।
इजरायल का हमास पर जोरदार प्रहार
ध्यान रहे कि इजराइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिनों से खूनी संघर्ष छिड़ा है। दोनों एक-दूसरे पर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं। इजरायली सेना ने हमास के राजनीतिक शाखा के प्रमुख याह्या सिनवार के गाजा पट्टी स्थित मकान को मिसाइलों का निशाना बनाया। याह्या सिनवार गाजा में फलस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास का सबसे बड़ा नेता है। इस हमले में याह्या मारा गया या अब भी जीवित है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अमेरिका ने उसे वर्ष 2015 में आतंकी घोषित किया था।
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