केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिरंगे का अपमान? क्या कहते हैं ध्वज संहिता के नियम
नई दिल्लीदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगे तिरंगे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इसको लेकर दिल्ली के सीएम और उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा गया है कि केजरीवाल के बैकग्राउंड में जो तिरंगा लगा है वह ध्वज संहिता के हिसाब से ठीक नहीं है। केंद्रीय मंत्री का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गलत ढंग से तिरंगा लगाया जाता है।
हरे रंग की पट्टियां बढ़ाने का आरोप
प्रह्लाद पटेल का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से अरविंद केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे तो सफेद पट्टियों पर हरी रंग की पट्टियां बढ़ाई गई हैं। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि झंडे के बीच में सफेद हिस्से को कम करके हरे हिस्से को जोड़ दिया गया लगता है। यह भारत सरकार गृह मंत्रालय के द्वारा निर्दिष्ट भारतीय झंडा संहित में उल्लिखित भाग 1 के 1.3 में दिए गए मानकों का प्रयोग नहीं दिखायी देता है।
सजावट के लिए नहीं किया जा सकता है प्रयोग
केंद्रीय मंत्री का आरोप है कि ध्वज की गरिमा का ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल सजावट के लिए नहीं किया जा सकता है। मेरी नजर में प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग सजावट के लिए किया गया है। इसलिए इस बारे में पत्र लिखा गया है। केंद्रीय मंत्री ने जो आपत्तियां उठाई हैं उस संदर्भ में जानते हैं क्या है ध्वज संहिता और क्या कहते हैं इससे जुड़े नियम।
जानें क्या है ध्वज संहिता
भारत का राष्ट्रीय झंडा देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है। ध्वज संहिता को तीन भागों में बांटा गया है। पहला सामान्य, दूसरा आम जनता, एनजीओ और शैक्षणिक संस्थाओं के झंडा फहराने, प्रदर्शन या प्रयोग पर और तीसरे भाग में जिक्र किया गया है।
- राष्ट्रीय झंडे पर तीन अलग-अलग रंग की पट्टियां होंगी जो समान चौड़ाई वाली तीन आयताकार होंगी।
- ध्वज संहिता 2.2 (i) झंडे की स्थिति सम्मानपूर्वक और विशिष्ट होनी चाहिए।
- ध्वज अधिनियम भाग दो के उप नियम नौ के अनुसार झंडे का प्रयोग न तो वक्ता की मेज को ढंकने या न ही वक्ता के मंच को सजाने के लिए किया जाएगा।
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