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ममता के 2 मंत्री और विधायक गिरफ्तार, क्या है नारद घूसकांड की पूरी कहानी

कोलकाता पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग ऑपरेशन ने काफी तूल पकड़ा था। 2021 में विधानसभा चुनाव हुए और ममता बनर्जी की दोबारा सरकार बनी। इस बीच सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी के अलावा टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है। इन सबके बीच सीएम ममता बनर्जी भी सीबीआई के दफ्तर पहुंच गईं। 

नारद स्टिंग ऑपरेशन क्या है, आइए जानते हैं... 2016 में सामने आया नारद स्टिंग टेप 

पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग टेप सामने आने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी। दावा किया गया था कि इन्हें 2014 में बनाया गया था और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को एक काल्पनिक कंपनी के नुमाइंदों से कैश लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट तक पहुंचा। मार्च, 2017 में कोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया। सीबीआई और ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। 

नवंबर 2020 में ईडी ने टीएमसी नेताओं को भेजा नोटिस 

पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के कई नेता सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के रेडार पर थे। नवंबर 2020 में ईडी ने नारद स्टिंग ऑपरेशन में पूछताछ के लिए तीन टीएमसी नेताओं को नोटिस भेजकर डॉक्युमेंट मांगे थे। इनमें मंत्री फरहाद हाकिम, हावड़ा सांसद प्रसून बंदोपाध्याय और पूर्व मंत्री मदन मित्रा की आय और व्यय का हिसाब मांगा गया था। 

मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी पर भी दर्ज था केस 

ईडी ने सीबीआई की शिकायत के आधार पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग में 12 नेताओं और एक आईपीएस के अलावा 14 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 13 लोगों में मदन मित्रा, मुकुल रॉय (अब बीजेपी में हैं), सौगत रॉय, सुलतान अहमद (2017 में निधन), इकबाल अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बंदोपाध्याय, सुवेंदु अधिकारी (अब बीजेपी में), सोवन चटर्जी ( अब बीजेपी छोड़ी), सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हाकिम, अपरूपा पोड्डार और आईपीएस अधिकारी सैयद हुसैन मिर्जा का नाम शामिल था। बताते चलें कि 2021 के विधानसभा चुनाव में सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को नंदीग्राम से शिकस्त दी। इसके बाद उन्हें बीजेपी ने नेता विपक्ष बनाया है। 

पीछे-पीछे ममता पहुंच गईं सीबीआई दफ्तर 

उधर इस घटनाक्रम से बंगाल की सियासत गरमा गई है। जैसे ही टीएमसी सरकार के मंत्रियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, ममता बनर्जी भी पीछे-पीछे सीबीआई दफ्तर पहुंच गईं। सीबीआई दफ्तर में मौजूद वकील अनिंदो राउत ने कहा, 'मैंने सीएम ममता बनर्जी को अधिकारियों से यह कहते सुना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि स्पीकर और राज्य सरकार की अनुमति के बिना आप किसी भी मंत्री को ऐसे गिरफ्तार करें। अगर आप मेरे अधिकारियों को गिरफ्तार करते हैं तो आपको मुझे गिरफ्तार करना होगा।'



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