फैबिफ्लू दवा बांटने के मामले में गौतम गंभीर की मुश्किलें बढ़ीं
नई दिल्ली पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर दवा बांटने के मामले में मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। सोमवार सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं,नेता हैं। उन्होंने जरूरतमंदों को रेमडिसिवयर या फैबिफ्लू जैसी दवाइयां बाटीं लेकिन सवाल यह है कि क्या यह तरीका सही है। क्या इसे एक जिम्मेदाराना रवैया कहा जा सकता है।
दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से कहा गया कि गौतम गंभीर ने यह नहीं सोचा कि इतनी बड़ी संख्या में इन दवाइयों को जमा नहीं करना चाहिए जब उनकी इतनी किल्लत चल रही हो। दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से ड्रग कंट्रोलर को निर्देश दिया गया कि वह देखें कि किन प्रावधानों के तहत अपराध बनता है और उसमें कौन- कौन शामिल हैं, जिम्मेदारी तय करने के बाद कार्रवाई की जाए।
हाई कोर्ट ने साफ किया कि सभी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए कि किस डॉक्टर ने इतनी बड़ी संख्या में दवाइयों के लिए प्रिस्क्रिप्शन दिया, किस कैमिस्ट ने उस प्रिस्क्रिप्शन पर इतनी बड़ी संख्या में दवाइयां दी जो रिटेल में बेचे जाने के लिए थी। हाई कोर्ट ने कहा कि मामले में साफ -साफ केस बन रहा है। इसलिए हमें सिर्फ इतना बताया जाए कि किस प्रावधान के तहत क्या कार्रवाई की गई।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश लिखाते हुए कहा कि ये मामले ऐसे हैं जिनमें छानबीन होनी चाहिए। पुलिस की अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें गंभीर पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने फैबिफ्लू की 2000 से ज्यादा स्ट्रिप्स लीं। इसी तरह से एमएलए प्रवीण कुमार और प्रीति तोमर के खिलाफ आरोपों पर गौर करते हुए हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को निर्देश दिया कि ये सब ऐसे पहलू हैं जिनकी जांच होनी चाहिए।
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