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Indore में कोरोना काल की सुखद खबरः 95 फीसदी फेफड़े खराब होने के बाद अस्पताल से स्वस्थ होकर लौटा मरीज

इंदौर कोरोना वायरस के चलते फेफड़ों का संक्रमण अक्सर जानलेवा साबित होता है। फेफड़ों का संक्रमण 50 फीसदी से ज्यादा हो तो मरीज खुद ही हिम्मत हार जाता है। ऐसे मरीजों के बचने की डॉक्टर भी ज्यादा उम्मीद नहीं रखते, लेकिन इंदौर में एक कोविड संक्रमित मरीज फेफड़ों में 95 फीसदी संक्रमण के बाद भी स्वस्थ होकर घर लौट आया है। फेफड़ों में संक्रमण के चलते 27 वर्षीय बलराम सिंह की स्थिति बेहद खराब थी। उन्हें सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ थी। इंदौर के इंडेक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने हालांकि कोशिश नहीं छोड़ी। बलराम को लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया और संक्रमण को कम करने के सारे जुगत डॉक्टरों ने किए। इसी का नतीजा है कि वे अब स्वस्थ हो गए हैं। मरीज जब इस हालत में हो तो सबसे बड़ी समस्या उसका हिम्मत बनाए रखने की होती है। परिजन भी अक्सर निराश हो जाते हैं, लेकिन इंडेक्स अस्पताल के डॉक्टर लगातार उनका हौसला बढ़ाते रहे। अब बलराम सिंह उन लोगों के लिए एक उदाहरण बन गए हैं जो कम संक्रमण होने के बाद भी उम्मीद हार बैठते हैं। अस्पताल की कोविड कंसल्टेंट डॉ अवनिंदर नय्यर ने बताया कि अधिकतर देखा गया है कि 50 से 60 प्रतिशत लंग्स इंफेक्शन वाले मरीज भी अपनी जान गंवा बैठते हैं। 80-85 प्रतिशत से ज्यादा लंग्स इंफेक्शन वाले मरीजों की जान बचाना तो बहुत ही मुश्किल हो जाता है। बलराम सिंह जब अस्पताल आए थे, तब उनके फेफड़ों में इंफेक्शन 95 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका था। मरीज के परिवार को भी उसके बचने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन इंडेक्स अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ एवं सहायक स्टाफ की मेहनत की बदौलत मरीज की जान बचाई जा सकी।


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