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चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है यास, ओडिशा-बंगाल में NDRF अलर्ट

कोलकाता: पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय इलाकों पर चक्रवाती तूफान 'यास' का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, सोमवार को बंगाल की खाड़ी के मध्य-पूर्व हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने से सोमवार को यह चक्रवात का रूप ले लेगा। इसके बाद तूफान के उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है। विभाग ने आशंका जताई है कि 24 घंटों के भीतर चक्रवात गंभीर तूफान में तब्दील हो सकता है। इससे पहले मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि बुधवार को तूफान यास के कारण इलाके में भारी बारिश की संभावना है। बताया गया कि की वजह से मंगलवार सुबह से ही तेज बारिश शुरू हो सकती है। बुधवार को सबसे ज्यादा तेज बारिश होने की आशंका जताई गई है। पूर्वानुमानों में बताया गया है कि कोलकाता पर तूफान का बड़ा असर हो सकता है। 

तूफान के कारण नीलांचल समेत कई ट्रेनें रद्द

ओडिशा में चक्रवाती तूफान यास के कारण पूर्व-मध्य रेलवे के पुरी और भुवनेश्वर सहित कई रूटों की 21 ट्रेनें रद कर दी गई हैं। इनमें आनंद विहार से लखनऊ होकर पुरी तक जाने वाली नीलांचल एक्सप्रेस और गोरखपुर से चलने वाली शालीमार एक्सप्रेस भी शामिल है। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि 02875/02876 आनंद विहार टर्मिनल-पुरी एक्सप्रेस दोनों ओर से 25 मई को रद रहेगी। इसी तरह 05021/05022 गोरखपुर-शालीमार स्पेशल भी 25 को नहीं चलेगी। वहीं, नई दिल्ली से पुरी, भुवनेश्वर से नई दिल्ली, एर्नाकुलम से पटना, जयनगर से पुरी, मुजफ्फरपुर से यशवंतपुर समेत कई रूटों की ट्रेनें 24 से 29 मई तक रद रहेंगी। 24 मई को पुणे से हावड़ा जाने वाली विशेष ट्रेन नंबर 02221 और ट्रेन नंबर 02818 को भी ऐहतियातन रद्द कर दिया गया है। साथ ही 27 मई को हावड़ा से पुणे आने वाली ट्रेन नंबर 02222 और 29 मई की ट्रेन नंबर 02817 को भी रद्द कर दिया गया है। 

मौसम विभाग की चेतावनी 

मौसम विभाग ने रविवार को चेतावनी जारी करते हुए बताया कि यास तूफान की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में समुद्र में 2-4 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। तूफान से निपटने के लिए एनडीआरफ की टीमों को संभावित असर वाले इलाकों में तैनात किया गया है। ये इलाके चार राज्यों- ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं। एनडीआरएफ कर्मी नावों, पेड़ काटने वाले तथा टेलिकॉम उपकरणों से लैस हैं। 

राहत-बचाव के लिए टीमें तैनात 

राहत और बचाव कार्य के लिए 46 टीमों को तैनात किया गया है। रविवार को 13 टीमों को तैनाती के लिए एयरलिफ्ट किया गया है। कोस्ट गार्ड और नेवी ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यास तूफान से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए इंतजामों की समीक्षा की है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ज्यादा खतरों वाले इलाकों से लोगों को हटाने के लिए राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण तरीके से काम करें। 

मछुआरों को वापस आने की सलाह 

तूफान की चेतावनी जारी करते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों की भी सतर्क किया है। उन्होंने अपील की कि जो भी मछुआरे ईस्ट-सेंट्रल और बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व हिस्से में गहरे समुद्र में हैं, वो जल्द से जल्द तटों पर लौट आएं। मौसम विभाग ने कहा कि तूफान की गहनता और संभावित गति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। संबंधित राज्य सरकार को नियमित रूप से सूचित किया जा रहा है। 

सीएम ने की 24 घंटे काम करने की अपील 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक हाई लेवल मीटिंग कर सभी संबंधित विभागों को 24 घंटे काम करने और तूफान के संभावित रास्ते से लोगों को निकालने को कहा है। राज्य ने पूरी स्थिति पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने डीएम और एसपी के साथ संबंधित केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तूफान के संबंध में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की है। सीएम ने कहा कि मछुआरों को तुरंत लौटने को कहा गया है। चक्रवात से तबाही के हाई रिस्क वाले 6 जिलों की पहचान की गई है, इनमें उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और पूर्व और पश्चिम मिदनापुर शमिल हैं। इन जिलों के लिए विशेष योजना बनाई गई है।



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