सरकारी आंकड़ों से दोगुनी हो सकती है कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या, NYT की रिपोर्ट में दावा
नई दिल्ली देश में कोरोना वायरस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या सरकारी आंकड़ों की तुलना में दोगुना हो सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना से मरने वालों संख्या आधिकारिक आंकड़ों से लगभग दोगुना और सबसे खराब स्थिति में 14 गुना तक हो सकती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना महामारी से अब तक तीन लाख लोगों के मरने की खबर है। ऐसे में इस रिपोर्ट के अनुसार मरने वालों की संख्या कम से कम 6 लाख और अधिक से अधिक 42 लाख हो सकती है। कोरोना से दुनिया भर के मौत के आंकड़ों में कमीन्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डैन वीनबर्गर समेत दर्जन भर से अधिक से बात की गई है। रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान सीरो सर्वे में संक्रमित हुए लोगों की संख्या और इंफेक्शन फैटालिटी रेट के आधार पर है। इंफेक्शन फैटालिटी रेट से आशय संक्रमित हुए 100 लोगों में मरने वालों की संख्या से है। रिपोर्ट बताती है कि जबकि दुनिया भर में मौतों के आधिकारिक आंकड़ों के लेकर सवाल उठ रहे हैं तो ऐसे में भारत में कम मौतें दर्ज होने के पीछे तीन कारण हो सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर मौतें दर्ज नहींरिपोर्ट में इनमें तकनीकी, सांस्कृतिक और लॉजिस्टिक्स कारण शामिल हैं। रिपोर्ट में एमोरी विश्वविद्यालय के एक महामारी विज्ञानी कायोको शियोडा के हवाले से कहा गया है कि भारत में अस्पताल कोरोना मरीजों से अटे पड़े हैं। कई कोरोना संक्रमितों की मौत घर पर हुई है, विशेषकर ग्रामीण भारत में यह अधिक है। ये सब लोग सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं हैं। इसमें यह भी कहा गया कि भारत में पांच में से चार मौतों की मेडिकली जांच नहीं होती है। अमेरिका के अनुमान के समान है मौतेंसबसे अच्छी स्थिति यह मानती है कि वास्तविक संक्रमण पाए गए मामलों की संख्या का लगभग 15 गुना है, जो लगभग 40.4 करोड़ है। इसमें IFR को 0.15% माना गया है जिसका मतलब है 6 लाख मौत। एक दूसरा परिदृश्य, जिसे रिपोर्ट "अधिक संभावित परिदृश्य" के रूप में वर्णित करती है। इसमें वास्तविक संक्रमणों को 20 गुना, या 53.9 करोड़ बताया गया है। यह मानता है कि IFR 0.30% है। यह बिल्कुल उसके ही समान है जो अनुमान अमेरिका ने साल 2020 के अंत में लगाया था।यह 16 लाख मौतों का आंकड़ा देता है जो सरकारी आंकड़ें 3 लाख मौतों की तुलना में पांच गुना अधिक है।
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