16 माह के मासूम बेटे को मकान मालिक के भरोसे छोड़ ड्यूटी - पति-पत्नी की एक थाने में ड्यूटी
खरगोन: मध्यप्रदेश के खरगोन में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में सब इंस्पेक्टर मां अपने 16 माह के मासूम बेटे को मकान मालिक के भरोसे छोड़ ड्यूटी कर रही है। ड्यूटी के दौरान समय-समय पर नन्हे बेटे का ख्याल रखने के लिए वीडियो कॉल कर मां उसे देखती है। मां की ममता से एसआई के लिए फर्ज है। महिला खुद एसआई और पति कॉन्सटेबल है, दोनों की तैनाती एक ही थाने में है। महामारी की वजह से चाइल्ड लिव नहीं मिला है। दरअसल, खरगोन जिले बड़वाह ब्लॉक के बलवाड़ा में कोरोना महामारी के दौर में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में चिकित्सक अस्पताल में अपने दायित्व को निष्ठा के साथ निभा रहे हैं। वहीं, पुलिस विभाग भी कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद फिल्ड पर रहकर आमजन की सुरक्षा कर रहा है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मियों की है, जो अपनी ड्यूटी के साथ पारिवारिक जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी बलवाड़ा थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर रजनी समाधिया भी निभा रही है।
16 माह के बेटे को छोड़ देती है घर
एसआई रजनी पुलिसकर्मी होने के साथ 16 माह के बेटे तनुष की मां भी है लेकिन इस कोरोना काल में वह अपनी ड्यूटी के फर्ज को बड़ी शिद्दत से निभा रही हैं। सुबह 10 बजे से अपनी ड्यूटी के लिए निकल जाती हैं लेकिन इसके पहले अपने 16 माह के बच्चे तनुष के लिए दूध, भोजन आदि की व्यवस्था कर मकान मालिकन के पास छोड़कर थाने निकल जाती है। पूरा दिन कोरोना से लोगों को बचाने के लिए लॉकडाउन की ड्यूटी के साथ नियमित चेकिंग, विवेचना एवं अन्य विभागीय कार्यों को करती है। जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
वीडियो कॉल से जानती है बेटे का हाल
इसी कारण वे दिन में अपने बेटे से मिल भी नहीं पाती है। वीडियो कॉल के माध्यम वे अपने बेटे से बात करती रहती हैं। कई बार ऐसी स्थिति भी बनती है कि दिन तो दिन रात में भी आकस्मिक ड्यूटी करना पड़ती है, ऐसे में कई-कई घंटे भी बच्चे से दूर रहना पड़ता है। ऐसे समय जब बच्चे को मां की जरूरत है तो वह अपने फर्ज को निभा रही है।
भर आती है मां की आंखें
रजनी समाधिया ने बताया कि कई बार बच्चे को वीडियो कॉल में देखने के दौरान आंखों से आंसू भी आ जाते हैं लेकिन वे फिर से मजबूत होकर अपने कार्यो में जुट जाती है। रजनी समाधिया के पति दिलीप भी इसी थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ है, वे भी डे एंड नाइट दोनों शिफ्ट में ड्यूटी करते है। अधिकांश समय दोनों थाने में ही रहते है, यही कारण है कि वे बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते।
कोरोना की वजह से छुट्टी नहीं
रजनी समाधिया ने बताया कि वह पहले दमोह के एक थाने में चौकी प्रभारी थी, अगस्त 2019 में उनका स्थानान्तरण बलवाड़ा हो गया। इस दौरान वे गर्भवती थी, 21 नवंबर को बेटे के जन्म के बाद वे लीव पर चली गई लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उनकी लीव कैंसिल हो गई, तब से ही वह ड्यूटी कर रही है। हाल ही में चाइल्ड लिव के लिए अप्लाई किया था लेकिन वो भी कैंसिल हो गया।
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