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11 जून: बिस्मिल का जन्मदिन आज, शाहजहांपुर में बने जर्जर घर की हालत देख रो देंगे आप

शाहजहांपुर यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले काकोरी कांड के अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का आज (11 जून) जन्मदिन है, जिन्होंने काकोरी कांड के आरोप में 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी के फंदे को चूम कर अमर शहीदों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करवा दिया। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बाबा मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले थे। उनके बाबा नारायण लाल बाद में शाहजहांपुर आ गए थे। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को हुआ था। उनके पिता मुरलीधर ने कुछ समय के लिए शाहजहांपुर नगर पालिका में नौकरी की थी और बाद में उन्होंने अपना निजी व्यापार शुरू कर दिया था। पढ़ाई के दिनों में ही बिस्मिल आर्य समाज के संपर्क में आ गए थे। उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर 'कुमार सभा' बनाई थी। कुछ समय के बाद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल प्रख्यात क्रांतिकारी नेता लाला लाजपत राय और लाला हरदयाल के संपर्क में आ गए। लाला हरदयाल की प्रेरणा से पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने सचिंद्र सान्याल और यदु गोपाल जैसे बंगाल के युवा क्रांतिकारियों के साथ मिलकर 'हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' का गठन किया था। इस संगठन का उद्देश्य अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंकना था। यही वक्त जब शाहजहांपुर का नाम राष्ट्रीय स्तर पर छा गया था। काकोरी कांड को अंजाम क्यों दिया गया ? क्रांतिकारियों को अपने काम को सुचारु रूप से चलाने के लिए पैसे की जरूरत थी, जिसके बाद सरकारी खजाने को लूटने की योजना बनाई गई। 9 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर के ही रहने वाले अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह और अमर शहीद अशफाक उल्ला खान के साथ मिलकर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने काकोरी के पास सरकारी खजाना लूट लिया। घटना के दौरान पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की पहचान वाली चादर छूट गई थी, जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी करके गोरखपुर जेल भेज दिया गया था, जहां उन्हें 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी। उस वक़्त भी उनकी जुबां पर यही लाईनें थीं, 'वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां, हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है'? आवास को संग्रहालय बनाने की मांग शहर के खिरनी बाग में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का एक जर्जर आवास आज भी मौजूद है। यहां के राष्ट्र स्वाभिमान ट्रस्ट के राष्ट्रीय संयोजक असित पाठक लंबे समय से उनके आवास को संग्रहालय बनाने की मांग कर रहे हैं। 80 वर्ग गज जमीन पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की माता फूलमती देवी ने पांच सौ रुपये में खरीदी थी, जिस पर उनका मकान बना है। अब यह मांग तेज होती जा रही है कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के जर्जर आवास को संग्रहालय बनाकर उनकी स्मृतियां संजोई जाएं।


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