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यूपी, पंजाब सहित 5 राज्‍यों में अगले साल समय से होंगे चुनाव, EC ने दिया भरोसा

नई दिल्‍ली 5 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव कराने को लेकर (EC) की काफी आलोचना हुई। कोर्ट ने भी सुनाया। ऐसे में बाद के कई चुनावों को आयोग ने टाल दिया। अब मुख्य चुनाव आयुक्त ने अगले साल होने वाले यूपी समेत पांच विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने कहा है कि चुनाव आयोग को उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव अगले साल समय पर करा पाने का भरोसा है। आयोग को कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल और चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों से काफी अनुभव मिले हैं। गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होगा। वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मई तक चलेगा। चंद्रा ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग की यह पहली जिम्मेदारी है कि विधानसभाओं का कार्यकाल समाप्त होने से पहले हम चुनाव कराएं और विजयी उम्मीदवारों की सूची (राज्यपाल को) सौंप दें।’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या आयोग कोविड-19 के हालात में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समय पर करा पाएगा जबकि उसने हाल ही में महामारी की दूसरी लहर के कारण लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों को टाल दिया। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में राज्यसभा और कुछ राज्यों की विधान परिषदों के चुनाव भी टाल दिए गए। कमजोर हो रही कोरोना की लहर चंद्रा ने कहा, ‘जैसा आपको पता है कि कोविड-19 की दूसरी लहर कमजोर हो रही है और संख्या (संक्रमण के मामलों की) काफी कम है। हमने महामारी के दौरान बिहार में चुनाव कराए। हमने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव कराए हैं। हमें अनुभव है। हमने महामारी में भी चुनाव कराने का काफी अनुभव हासिल किया है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि अब महामारी के कमजोर होने और जल्द ही इसके समाप्त होने की उम्मीदों के बीच हम अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव बिल्कुल तय कार्यक्रम के अनुसार समय पर कराने की स्थिति में होंगे।’ कहां कितने मतदाता? उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। निर्वाचन आयोग के एक जनवरी, 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में लगभग 14.66 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, पंजाब में दो करोड़ से अधिक मतदाता हैं। उत्तराखंड में 78.15 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। वहीं, मणिपुर में 19.58 लाख और गोवा में 11.45 लाख मतदाता हैं। पांचों राज्यों में कुल लगभग 17.84 करोड़ मतदाता हैं। आयोग ने पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘कोविड मुक्त चुनाव’ कराने के लिए अनेक कदम उठाए थे। इनमें 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और कोविड-19 पीड़ितों के लिए डाक मतपत्र की इजाजत दी गई थी। इसी तरह के कदम बाद में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी उठाए गए। हालांकि, बाद में पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रचार के दौरान कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होने की बात सामने आने पर निर्वाचन आयोग ने राज्य में रोडशो और वाहन रैलियों पर रोक लगा दी थी। साथ ही जनसभाओं में अधिकतम 500 लोगों के जमा होने की अनुमति दी थी। आयोग ने मतगणना के दौरान और बाद में विजय जुलूस निकालने पर भी रोक लगा दी थी।


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