दुनिया के सबसे महंगे आम की रखवाली 9 कुत्ते, 3 गार्ड कर रहे, जानिए इसकी खासियत

सात आम की सुरक्षा (Mango Security In Jabalpur) के लिए विदेशी नस्ल के कुत्ते और सुरक्षाकर्मी की तैनाती सुनने में जरूर अटपटा लगता है। ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि इस आम की खासियत क्या है। जबलपुर (Most Expensive Mango In Jabalpur) के चरगंवा स्थित एक बगीचे में इस खास आम की खेती हो रही है। इसके दाम सुन भारत में आम आदमी खाने का ख्याल छोड़ देगा।
जबलपुर (Jabalpur Mango News) के चरगंवा में जापानी आम की खेती हो रही है। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2.70 हजार रुपये पर पीस थी। हिंदुस्तान में इस साल एक आम की कीमत लोग 21 हजार रुपये पर पीस देने को तैयार हैं। मगर बगीचे में कुल सात ही आम है और मालिक इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। देश के बड़े शहरों से कुछ खरीदार सामने आ रहे हैं। वहीं, मालिक को इस आम की चोरी का भी डर सता रहा है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं।
आम की खासियत क्या

जबलपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर चरगंवा में संकल्प और रानी परिहार जापानी आम की खेती कर रहे हैं। जापानी आम को तामागो के नाम से जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खूब मांग है। जापानी भाषा में 'ताईयो नो तामागो' के नाम से इसे जाना जाता है। कुछ लोग टमैंगो भी इसे कहते हैं। जापान में इसकी खेती पॉली हाउस के अंदर होती है। वहीं, जबलपुर में नर्मदा किनारे इसके पेड़ लगे हैं।
हिंदुस्तान में एक आम के लिए 21 हजार की पेशकश

बगीचे के मालिक संकल्प परिहार ने जानेमाने समाचार पत्र नवभारत टाइम्स से बात करते हुए बताया था कि इस आम की कीमत पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो लाख 70 हजार रुपये थे। भारत में इसकी कीमत ज्यादा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उत्पादन के अनुसार कीमत में उतार-चढ़ाव होते रहता है। हिंदुस्तान में नागपुर के रहने वाले एक शख्स ने एक आम के लिए 21 हजार रुपये की पेशकश की है।
नौ कुत्ते और तीन गार्ड तैनात

आम कीमती है, इसकी वजह से चोरी का खतरा भी बना हुआ है। बगीचे के मालिक संकल्प परिहार ने आम की रखवाली के लिए नौ कुत्ते और तीन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। ये सभी शिफ्ट के हिसाब से आम की रखवाली करते हैं क्योंकि पहले कई बार बगीचे में चोरी की कोशिश हुई है। इस बगीचे में कई प्रकार के आम हैं। मगर सबसे अनमोल तामागो ही है।
अब बेचने को तैयार नहीं

बगीचे के मालिक संकल्प परिहार अभी आम बेचने को तैयार नहीं हैं क्योंकि ज्यादा फल नहीं हैं। मगर अब चर्चा इतनी शुरू हो गई है कि आम को लेकर लोग जानकारी चाहते हैं। पिछले साल इस आम को लेने के लिए सूरत के भी एक व्यापारी ने दिलचस्पी दिखाई थी। संकल्प परिहार को टमैंगो आम का पौधा ट्रेन में किसी शख्स ने दिया था। उन्होंने इसे बगीचे में लाकर लगा दिया और फल तैयार होने लगे हैं।
एग ऑफ सन भी कहते इसे

टमैंगो आम की दुनिया के सबसे महंगे आमों में होती है। यह रेडिश कलर का होता है। जापान में इसे एग ऑफ सन भी कहा जाता है। इसका वजन करीब 900 ग्राम तक पहुंच जाता है। संकल्प परिहार ने बताया कि उनके बगीचे में आज करीब 14 प्रकार के आम हैं।
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