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तब प्रियंका के एक फोन ने बना दी थी बात, पर इस बार कांग्रेस के हाथ से फिसल गए जितिन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। उनके 2019 में ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने की चर्चा चली थी। दावा यहां तक किया जाता है कि जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके थे, लेकिन यूपी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें फोन कर मना लिया और प्रसाद रास्ते से लौट गए। अब कहा जा रहा है कि इस बार जितिन प्रसाद ने दो दिनों से अपना फोन बंद कर रखा था। 

बीजेपी का चुनाव अभियान शुरू 

बहरहाल, जितिन प्रसाद के बीजेपी में लाते ही राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को कमजोर करने के बीजेपी के अभियान की शुरुआत हो गई है। जितिन प्रसाद से बीजेपी को मिली मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो ब्राह्मणों के बड़े नेता माने जाते हैं और यूपी में ब्राह्मण मतदाताओं की 10% की बड़ी हिस्सेदारी है। 

कांग्रेस पर हमला बोल जितिन ने कहा- मैं नहीं, मेरा काम बोलेगा 

जितिन प्रसाद ने बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता लेने के बाद कहा कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के नाम पर कोई राजनीतिक दल है तो वो एकमात्र बीजेपी है। जितिन ने कहा जिस दल में था, मुझे महसूस होने लगा कि हमलोग राजनीति करने लगे हैं। राजनीति माध्यम है, दल भी माध्यम है, लेकिन जब हम लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते तो फिर ऐसी राजनीति का क्या महत्व है। उन्होंने कहा, "मैं ज्यादा बोलना नहीं चाहता हूं, मेरा काम बोलेगा। मैं बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में 'सबका साथ, सबका विश्वास' और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के लिए काम करूंगा।" 

यूपी में जितिन प्रसाद की होगी बड़ी भूमिका: गोयल 

उससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश का बड़ा नेता बताया और कहा कि यूपी की राजनीति में प्रसाद की बड़ी भूमिका होने वाली है। गोयल ने उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जितिन प्रसाद के किए गए कामों का भी उल्लेख किया और कहा कि उनके आने से यूपी में बीजेपी का हाथ और मजबूत हुआ है। 

अनिल बलूनी के ट्वीट से चल पड़ा था कयासों का दौर 

कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगने की आशंका आज बीजेपी नेता अनिल बलूनी के एक ट्वीट के साथ जताई जाने लगी थी। उन्होंने कहा था कि आज एक दिग्गज शख्सियत दोपहर 1 बजे पार्टी में शामिल होगी। उनके इस ट्वीट के साथ ही कयासों का बाजार गर्म हो गया। कुछ ही घंटे में संभावनाओं के बादल छंट गए और जितिन प्रसाद के नाम का नाम सामने आ गया। प्रसाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दिल्ली स्थित आवास पहुंच गए और वहां थोड़ी देर रुकने के बाद सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर गए। जितिन प्रसाद ने तय कार्यक्रम के मुताबिक बीजेपी मुख्यालय में कमल का दामन थाम लिया। उन्हें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई। 

कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों में जितिन भी शामिल 

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। यूपी में इसको लेकर कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था। उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद भी कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति लोगों का भला करने की नहीं रही है। 

ब्रह्म चेतना सवांद से भी कांग्रेस ने किया था किनारा 

बहरहाल, जितिन प्रसाद लंबे समय से ब्राह्मण समाज के हक में आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। यही वजह थी कि जब जितिन ने ब्रह्म चेतना सवांद कार्यक्रम की घोषणा की तो पार्टी ने इससे किनारा कर लिया। कई नेताओं ने यह तक कहा कि वह उनका अपना निजी मसला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।



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