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नौकरशाहों की पहुंच जनता तक होनी चाहिए, केंद्रीय मंत्री ने कहा- बंद कमरे में बैठ कर काम करने का कल्चर ठीक नहीं

नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नौकरशाहों के लिए बंद स्थानों में काम करने की संस्कृति देश के लिए ठीक नहीं है और जरूरतमंद और गरीबों तक उनकी पहुंच होनी चाहिए। कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रशासनिक दृष्टिकोण तेजी से बदल रहा है और तेजी से सामाजिक-आर्थिक प्रगति, शहरीकरण और नए तकनीकी हस्तक्षेपों के कारण नौकरशाहों के लिए नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां उभर रही हैं। बदलाव के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी में आईएएस पेशेवर पाठ्यक्रम चरण दो (2019 बैच) के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों को आत्मसात करने, इनके हिसाब से खुद को ढालने के लिए नौकरशाहों को काम करने की जरूरत है क्योंकि अपेक्षा और पारदर्शिता के स्तर कई गुना बढ़ गए हैं। जरूरतमंद और गरीबों के लिए सुलभ हों कार्मिक मंत्रालय के बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, ‘‘बंद स्थानों (कमरों में बैठकर काम करना) और वरिष्ठता क्रम की मौजूदगी देश के लिए ठीक नहीं है और नौकरशाहों को सबसे पहले जरूरतमंद और गरीबों के लिए सुलभ होना चाहिए।’’


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