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क्या चूक गए चिराग? मोदी कैबिनेट विस्तार से पहले एलजेपी में फूट के क्या हैं मायने

नई दिल्ली जो पार्टी का मुखिया है अब उससे ही कहा जा रहा कि वो चाहें तो पार्टी में रह सकते हैं। बात हो रही है लोक जनशक्ति पार्टी एलजेपी में मचे सियासी घमासान की। जिस राजनीति को समझने की कोशिश पिछले कई सालों से चिराग पासवान कर रहे हैं उन्हें उनके चाचा ने इस एक वाक्य में समझा दिया। एलजेपी हाजीपुर से लोकसभा सांसद और चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को बागी सांसदों ने संसदीय दल का नया नेता चुन लिया है। बिहार की सियासत के साथ ही साथ मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले इस बदलाव को भी एक अलग नजरिए से देखा जा रहा है। चिराग के खिलाफ हुए सभी सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री और एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही पार्टी और चिराग पासवान के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा। पहले बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार हुई और उसके बाद पार्टी सिंबल पर जीते एक मात्र विधायक ने भी पार्टी छोड़ दी। उसके बाद अब यह फूट जब पार्टी के सभी सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की है। पार्टी के 6 सांसदों में 5 सांसदों ने बगावत की है और अकेले सांसद के रूप में चिराग पासवान बचे हैं। क्या केंद्र में मंत्री बनेंगे पशुपति पारस मोदी मंत्रिमंडल विस्तार से पहले के कई मायने है। चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि पशुपति पारस केंद्र में मंत्री भी बन सकते हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही केंद्र में चिराग के मंत्री बनने की चर्चा थी। बिहार में एनडीए से अलग होने के बाद भी इस बात की चर्चा रही कि वो मंत्री बन सकते हैं। हालांकि चिराग पासवान के नाम को लेकर जेडीयू को ऐतराज जरूर रहता। कई मौकों पर पार्टी की ओर से इसको लेकर नाराजगी जाहिर भी की जा चुकी थी। जेडीयू में जो फूट हुई है उसके पीछे चर्चा इस बात की भी है कि यह जेडीयू के इशारे पर हुआ है। जेडीयू में फूट के पीछे कौन पशुपति कुमार पारस को मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी या नहीं यह बाद की बात होगी लेकिन एक बात तय है कि जेडीयू का सपोर्ट उन्हें जरूर मिल सकेगा। एलजेपी में बड़ी फूट के बाद पार्टी के सांसद पशुपति कुमार पारस ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी तोड़ी नहीं...बचाई है। यही नहीं पशुपति पारस ने 'चाणक्य नीति' अपनाते हुए भतीजे चिराग को खास ऑफर दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर वो चाहें तो पार्टी में रह सकते हैं। चिराग के लिए आगे की राह मुश्किल बिहार की राजनीति में दलित चेहरे के रूप में पशुपति पारस की गिनती होती है। वर्तमान समय में वह हाजीपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले वो बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। अभी थोड़ी देर पहले ही खबर आई कि चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पहुंचे। भतीजे के लिए घर का दरवाजा नहीं खुला, गार्ड ने बाहर ही रोक लिया। आखिरकार आधे घंटे बाद एंट्री मिली। चाचा - भतीजे के बीच क्या बात बनेगी इसकी संभावना कम है लेकिन एक बात तय है कि उनकी राह मुश्किल भरी होने वाली है।


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