तीन दिन से हड़ताल पर हैं जूनियर डॉक्टर, ब्लैक फंगस और कोविड पीड़ितों का भी नहीं कर रहे इलाज

भोपाल कोरोना और ब्लैक फंगस के कहर के बीच तीन दिन से जारी है। प्रदेश के करीब तीन हजार डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर काम से किनारा कर लिया है। जूनियर डॉक्टर सरकार से मुख्य तौर पर मानदेय बढ़ाने और कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें और उनके परिवार के लिए मुफ्त इलाज की मांग कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल जारी रखने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने ताया कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों से संबंध जूडा के तीन हजार सदस्य सोमवार से हड़ताल पर हैं । इसके तहत जूनियर डॉक्टर ओपीडी, आईपीडी और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के अन्य वार्डों में काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार से जूनियर डॉक्टर कोविड-19 की ड्यूटी से भी हट गए हैं। ये हैं मांगे उन्होंने बताया कि उनकी छह मांगे हैं। इनमें मानदेय में बढ़ोतरी, कोविड ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों व उनके परिजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था और कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त करना आदि शामिल हैं। मीणा ने कहा कि आश्वासन देने के बाद भी उनके मानदेय में पिछले कुछ सालों से सरकार की तरफ से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जूडा अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने 24 दिन पहले छह जून को उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था लेकिन तब से इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा हमारी मांग है कि प्रदेश सरकार हमारी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित आदेश जारी करे। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हड़ताल कर रहे चिकित्सक यदि काम पर वापस नहीं आए तो प्रदेश सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन्हें प्रतिमाह 60 हजार से 70 हजार रुपये मानदेय दे रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब समाज को उनकी सबसे अधिक जरूरत है तब डॉक्टर हड़ताल पर हैं। छह मांगों में से चार मांगें पूरी तरह से मान ली गई हैं लेकिन वे अब भी अपने जिद्दी रवैये पर कायम हैं। सारंग ने चिकित्सकों से जल्द से जल्द काम पर वापस लौटने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि वे काम पर नहीं लौटते हैं तो हमें निश्चित तौर पर कार्रवाई करनी होगी। मरीजों के साथ किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त करना हमारे लिए मुश्किल होगा। वहीं, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण बीते 24 घंटे में 4 मरीजों की मौत हुई है। इसमें से एक मरीज ब्लैक फंगस से पीड़ित था।
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