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देश में 'प्रॉजेक्‍ट ऑक्सिजन' शुरू, ताकि तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी से न टूटे सांसों की कोई डोर

नई दिल्‍ली: कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देशभर में ऑक्सिजन की किल्लत को ध्यान में रखते हुए देश में 'प्रॉजेक्‍ट ऑक्सिजन' शुरू किया गया है। इस प्रॉजेक्‍ट का लक्ष्य वर्तमान मांग को पूरा करना, मेडिकल ऑक्सिजन का निर्माण करना और साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऑक्सिजन की पर्याप्त आपूर्ति हो सके। 

कच्‍चे माल की सप्‍लाई पर भी जोर

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (CSA) के कार्यालय की सीधी कमान के तहत 'प्रॉजेक्‍ट ऑक्सिजन' चलाया जा रहा है। इसके जरिए देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हितधारकों को सक्षम बनाया जाएगा। परियोजना के तहत, ऑक्सिजन का एक राष्ट्रीय संघ राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कच्चे माल जैसे जिओलाइट्स, छोटे ऑक्सिजन प्लांटों की स्थापना, कम्प्रेसर का निर्माण और ऑक्सिजन प्लांट, कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर जैसे सामानों की राष्ट्रीय स्तर की आपूर्ति को सक्षम कर रहा है। CSA कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि कंसोर्टियम न केवल अल्पकालिक राहत प्रदान करने के लिए बल्कि दीर्घकालिक तैयारियों के लिए विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए भी काम कर रहा है। विशेषज्ञों की एक समिति भारत स्थित निमार्ताओं, स्टार्ट-अप और एमएसएमई (फिक्की, मेसा, आदि के साथ साझेदारी में) के एक पूल से महत्वपूर्ण उपकरण जैसे ऑक्सिजन प्लांट, कंसेंट्रेटर और वेंटिलेटर का मूल्यांकन कर रही है। 

कौन-कौन से संस्‍थान शामिल हैं?

विनिर्माण और आपूर्ति संघ में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई), सी-कैंप, बेंगलुरु, आईआईटी कानपुर (आईआईटी-के), आईआईटी दिल्ली (आईआईटी-डी), आईआईटी बॉम्बे (आईआईटी-बी), आईआईटी हैदराबाद (आईआईटी-एच), आईआईएसईआर, भोपाल, वेंचर सेंटर, पुणे, और 40 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं। कंसोर्टियम ने यूएसएआईडी, एडवर्डस लाइफ साइंसेज फाउंडेशन, क्लाइमेट वर्क्‍स फाउंडेशन, आदि जैसे संगठनों से सीएसआर / परोपकारी अनुदान प्राप्त करना शुरू कर दिया है। होप फाउंडेशन, अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, वॉलमार्ट, हिताची, बीएनपी परिबास, और ईइन्फोचिप्स कंसोर्टियम के काम में सहायता करने के लिए अपने सीएसआर प्रयासों के हिस्से के रूप में ऑक्सिजन कंसंट्रेटर और वीपीएसए/पीएसए प्लांट खरीद रहे हैं। एनएमडीसी लिमिटेड कंसोर्टियम में निमार्ताओं के लिए जिओलाइट जैसे कच्चे माल की खरीद के लिए धन देने के लिए सहमत हो गया है।



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