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कैप्टन अमरिंदर कांग्रेस कमिटी के सामने पेश हुए, पार्टी हाई कमान को सन्देश - चुनाव आने वाले हैं

नई दिल्‍ली: पंजाब में अपने दो खिलाड़ियों की बगावत का सामना कर रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार दोपहर मल्लिकार्जुन खडगे के नेतृत्व वाली कमिटी के सामने पेश हुए। अमरिंदर जब बाहर निकले तो उन्होंने जाहिर तौर पर मीटिंग के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन पंजाब में आगामी चुनाव का जिक्र कर एक तरह से पार्टी हाईकमान को संदेश दे दिया। अमरिंदर सिंह से जब कमिटी से हुई उनकी बात को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा पार्टी की ऐसी अंदरुनी बैठकें होती रहती हैं। कैप्‍टन ने कहा, 'छह महीने के बाद चुनाव आ रहे है। जाहिर तौर पर कई मुद्दों पर बात होती है। वही बातचीत की है। मैंने सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि यह पार्टी की अंदरूनी बैठक है। यह इसलिए की गई है, क्यों छह महीने के अंदर चुनाव होने वाले हैं।' इस पर जब सवाल पूछा गया कि उनके नेतृत्व में चुनाव होगा, उन्होंने सवाल को अनसुना कर दिया। 

सिंह ने जता दिया, झुकाना आसान नहीं

पंजाब के भीतर अमरिंदर सिंह कांग्रेस का सबसे बडा चेहरा हैं। उन्‍हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कांग्रेस में लेकर आए थे। राजीव और अमरिंदर स्‍कूल में दोस्‍त हुआ करते थे। पांच साल पहले भी सीएम रहे चुके हैं। 2017 में उन्‍हीं के नेतृत्‍व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता। शुक्रवार को दिल्‍ली में तीन घंटे चली बैठक में कैप्‍टन ने हाईकमान के आगे यह जाहिर कर दिया कि उन्‍हें झुका पाना मुश्किल है। चूंकि जिस पैनल से सिंह ने बात की वह सीधे सोनिया गांधी को रिपोर्ट करता है, ऐसे में मीटिंग में सिंह ने जो भी कहा, उसे सीधे कांग्रेस नेतृत्‍व को दिया गया संदेश समझा जा सकता है। 

पंजाब में कैप्टन को नाराज करने कांग्रेस के लिए होगा आत्मघाती! 

पंजाब को छह महीने बाद चुनाव की परीक्षा से गुजरना है। पांच विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस का मनोबल गिरा हुआ है। ऐसे में चुनाव से पहले पंजाब की कलह पार्टी हाइकमान के लिए सिरदर्द बन गई है। सोनिया और राहुल के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि पंजाब में कैप्टन को स्वीकार करना उसकी मजूबरी है। पंजाब में अभी कांग्रेस का मतलब कैप्टन ही है। पंजाब की कलह शांत करने लिए कांग्रेस के सामने बस एक फॉर्म्युला निकालने का ही विकल्प है। वह भी ऐसा फॉर्म्युला जो कैप्टन को सूट करे। 

अमरिंदर विरोधी खेमा भी सजा चुका है फील्डिंग 

पंजाब में कांग्रेस की कलह शांत करने के लिए बनी इस कमिटी में इससे पहले पार्टी के सांसद, विधायक और मंत्री पेश हो चुके हैं। अमरिंदर विरोधी खेमे के माने जाने वाले राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलों और प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को कमिटी के सदस्यों के साथ बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक दोनों ने कैप्टन पर जमकर 'बाउंसर' उछाले और कांग्रेस को क्लीन करने की बात कही। इसके साथ ही करीब 20 विधायक और 2 कैबिनेट मंत्री भी कैप्टन के खिलाफ कमिटी तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। 

सिद्धू भी जमकर छोड़ रहे जुबानी तीर

पिछले हफ्ते जुबानी जंग में, नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री को अपने 'सहयोगियों के कंधों' से गोलीबारी बंद करने की सलाह दी थी। सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को याद दिलाया था कि उनकी आत्मा गुरु साहिब के लिए न्याय मांगती है। उनकी प्रतिक्रिया तब आई जब सात मंत्रियों ने अमरिंदर सिंह पर अनुशासनहीनता और मौखिक हमले शुरू करने के लिए सिद्धू को पार्टी से निलंबित करने की मांग की थी। मंत्रियों ने पार्टी आलाकमान से राज्य पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुले विद्रोह के लिए सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।



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