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कांग्रेस की जमीनी पकड़ मजबूत करने की कवायद, कोविड पर जनसंपर्क अभियान चलाएगी

नई दिल्ली: कांग्रेस ने अब अपनी जमीनी मजबूती के लिए कोविड महामारी को लेकर एक देशव्यापी अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत कांग्रेस ने अपने हजारों कार्यकर्ताओं से जमीन पर जाकर जनसंपर्क अभियान शुरू करने की रूपरेखा तैयार की है। इस सिलसिले में कांग्रेस हाइकमान की ओर से अपनी सभी प्रदेश इकाइयों और अग्रिम मोर्चे के सभी इकाइयों को एक पत्र भेजा है, जिसमें इस अभियान का पूरा खाका साझा किया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि इस अभियान में उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश होनी चाहिए, जो कोरोना महामारी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हुए हैं। 

दरअसल, कांग्रेस ने यह सारी कवायद अपने तमाम प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों, विधायक दल के नेताओं और कोविड के दौरान काम कर रहे टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों एवं फीडबैक के आधार पर कर रही है। यह कवायद इसी हफ्ते से शुरू होकर अगले तीस दिनों तक चलेगी। इसमें देश के तीन करोड़ परिवारों के 12 करोड़ लोगों तक कोविड सूचना पत्रकों एवं एसएमएस के जरिए पहुंचने की कोशिश की जाएगी। इसके तहत देशभर के 736 जिलों और 7,199 ब्लॉक में जनसंपर्क किया जाएगा। यह कार्यक्रम शहरी क्षेत्रों से लेकर अर्द्धशहरी क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलेगा। पार्टी की ओर से भेजे लेटर में कहा गया है कि इस कवायद में जो भी डेटा जुटेगा, उसे कांग्रेस सरकार तक पहुंचाने का काम करेगी। दरअसल, लोगों की मदद के साथ कांग्रेस का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचना है। 

कांग्रेस इस पहल से अपने वर्कर्स को सक्रिय बनाने के साथ नए वर्कर्स भी तैयार करना भी चाहती है। उल्लेखनीय है कि लगातार हार और बिखराव के चलते कांग्रेस कार्यकर्ता काफी हतोत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद की कोई लौ नहीं दिख रही है। ऐसे में उनमें जोश भरने के लिए पार्टी ने जनसंपर्क अभियान की तरकीब निकाली है। पार्टी के एक रणनीतिकार का मानना है कि कोविड के दौर में कई जगह कांग्रेस ने लोगों की भरसक मदद करने की कोशिश की है जिसका उसे अच्छा खासा फीडबैक भी मिला है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि कोविड के बहाने लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाई जा सकती है। 

इस पूरे अभियान के दौरान पार्टी की ओर से कई तरह के कदम उठाने की बात कही जा रही है। इसके तहत उन लोगों को पहचान कर राहत दिलाना है, जिन्होंने महामारी के दौरान आवश्यक सेवाओं को चालू रखा, लेकिन जिन्हें फ्रंट लाइन वर्कर्स के तौर पहचान नहीं मिली जबकि वो महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए। इसमें ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किसान, खेत मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, हस्तशिल्प कारीगर, बुनकर, धोबी, लोहार, नाई, बढ़ई, टीचर्स, ऑटो बैटरी रिक्शा चालक, इलेक्ट्रिशियन, माली, प्लंबर, डिलीवरी बॉय, स्ट्रीट वेंडर, ड्राइवर, घरेलू कामगार एवं झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है। लेटर में दावा किया गया है कि इस कवायद को हर ब्लॉक में कम से कम से 10 ऐसे कोरोना वॉरियर्स चलाएंगे, जिन्हें विभिन्न वर्गों से संपर्क कर चुना जाएगा। 

उम्मीद की जा रही है कि जनसंपर्क अभियान पूरा होते-होते कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं की तादाद बढ़कर 1,51,340 हो जाएगी। इस राहत के अलावा इसका मकसद कोविड के दौरान मारे गए लोगों का डेटा जुटाना भी है। पार्टी की योजना बनाई है कि कोविड से जान गंवाने वालों के परिजनों को कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेशाध्यक्ष की तरफ से शोक पत्र भेजा जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि इस कवायद से उसे कोविड प्रभावित परिवारों की मांगें जानने पाने में मदद मिलेगी, जिसे बाद में पार्टी सरकार के सामने रखेगी। 

कांग्रेस लोगों के बीच कोविड महामारी और उसके बाद की देखभाल के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाएगी। इस दौरान पार्टी की ओर से चिह्नित हर नया कार्यकर्ता रोजाना कम से कम 10 से 15 परिवारों से संपर्क करेगा और एक फॉर्म भरेगा, जिसमें एक प्रश्नावली होगी। आमतौर पर एक वर्कर एक महीने में लगभग 200 से 225 परिवारों से संपर्क कर पाएगा। इतना ही नहीं, इन कोरोना वॉरियर्स को कांग्रेस की ओर से तमाम तरह की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसमें इनकी भूमिका का महत्व और बीजेपी की नाकामियों के बारे में भी बताया जाएगा ताकि ये लोग इन तमाम चीजों की जानकारी लोगों के बीच ले जा सकें।



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