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बेतुल: 47 गांवों में एक भी व्यक्ति ने नहीं लगवाया टीका, स्वास्थ्य कर्मचारियों से मारपीट पर उतारू ग्रामीण

बैतूल केंद्र और प्रदेश सरकारों के बीच वैक्सीन को लेकर आरोप प्रत्यारोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को फ्री वैक्सीन देने की घोषणा भले ही कर दी हो ,लेकिन गांवों में आज भी वैक्सीन लगवाने से ग्रामीण डर रहे हैं। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में करीब 1400 गांव हैं। इनमें से 47 गांव ऐसे हैं जिनमें एक भी ग्रामीण ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। सबसे अधिक से 33 गांव भीमपुर विकासखंड में हैं। बैतूल के जीरो वैक्सीन वाले अधिकतर गांव ऐसे हैं जहां आदिवासी समुदाय की संख्या ज्यादा है। ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति है। उनके बीच यह बात पहुंच गई है कि वैक्सीन लगाने से लोग मर रहे हैं। 

जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को वैक्सीन लगाने जाती है तो वे मना कर देते हैं कई जगह तो लड़ने और पत्थर मारने को तैयार हो जाते हैं। जिले में 1,90,000 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है । इसको लेकर कलेक्टर और सभी विभागों ने मिलकर काम किया है। भीमपुर के काजरी गांव में भ्रम की स्थिति थी। वहां समाजसेवी संगठनों के माध्यम से लोगों को वैक्सीन लगवाई गई। कई गांवों में गाली गलौज की घटनाएं हुई हैं। पहले वैक्सीनेशन के लिए 232 सेंटर थे और उतनी ही टीम बनी हुई थी। अब वैक्सीन के डोज कम मिल पा रहे हैं। इसलिए कम लोगों को वैक्सीन लग पा रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जीरो वैक्सीनेशन वाले गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे वहां भी वैक्सीन लगवाने को लोग तैयार होंगे। लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने से मौत हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद ही कोरोना हो रहा है। और कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद बच्चे नहीं हो रहे हैं। कुछ लोगों ने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद दिखना बंद हो गया।



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