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Gwalior Name Change: सिंधिया के कट्टर विरोधी ने कांग्रेस का किया समर्थन, लक्ष्मीबाई पर ग्वालियर का नाम रखने की मांग

ग्वालियर मध्य प्रदेश में जब से शहरों के नाम बदलने की सियासत शुरू हुई है, तब से ऐसी मांगों का सिलसिला चल पड़ा है। अब ग्वालियर का नाम भी बदलने की मांग उठने लगी है। इस मांग को वैसे कांग्रेस के नेता ने उठाया है, लेकिन इसका समर्थन गुना के बीजेपी सांसद केपी यादव ने किया है। शुक्रवार को केपी यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर का नाम बदलने की मांग का समर्थन करने के साथ बिना नाम लिए उन पर निशाना भी साधा। पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले केपी यादव ने कहा कि ग्वालियर का नाम रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर हो तो इससे अमर शहीदों को सम्मान मिलेगा। बलिदान दिवस पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर श्रद्धांजलि देने आए केपी ने कहा कि यहां हर राष्ट्रभक्त को आना चाहिए। 2019 के लोकसभा चुनाव में केपी यादव ने सिंधिया के मजबूत गढ़ गुना-शिवपुरी में उन्हें हार का स्वाद चखाया था। इसके करीब एक साल बाद सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन केपी यादव से उनकी दूरियां किसी से छुपी नहीं हैं। बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा के बाद केपी यादव ने कहा कि लक्ष्मीबाई की समाधि पर माथा टेकने हर राष्ट्र भक्त को आना चाहिए। उन्होंने सिंधिया का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा उन्हीं पर था। जब उनसे पूछा गया कि सिंधिया को भी आना चाहिए, तो राजनीतिक मुद्दों पर नहीं बोलने का बहाना बना कर वे टाल गए। इतिहास में कई जगहों पर बताया गया है कि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में सिंधिया घराने ने लक्ष्मीबाई की मदद नहीं की थी। राजनीतिक विरोधी अक्सर इस मुद्दे को लेकर सिंधिया परिवार को कटघरे में खड़ा करते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर केपी यादव ने कहा कि वे इतिहास में नहीं जाना चाहते, लेकिन शहीद को सम्मान का हक मिलना चाहिए।


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