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4 महीने में तीसरा CM, दिग्गजों को पछाड़कर आखिर पुष्कर सिंह को कैसे मिली 'देवभूमि' की कमान

देहरादून उत्तराखंड की राजनीति में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच 4 महीनों के अंदर तीसरा मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के बीजेपी विधायक उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे। वह आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 45 वर्षीय धामी प्रदेश के 21 साल के इतिहास में सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी के राज्य मुख्यालय में बतौर पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में धामी का नाम सर्वसम्मति से तय हुआ। तोमर ने बताया कि धामी के नाम का प्रस्ताव निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने रखा, जिसका अनुमोदन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई विधायकों ने किया। धामी के अलावा किसी और के नाम का प्रस्ताव नहीं रखा गया, जिसके बाद उन्हें नेता चुन लिया गया। नेता चुने जाने के बाद धामी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरे केंद्रीय नेतृत्व का आभारी हूं कि इस जिम्मेदारी के लिए उन्होंने मुझ पर भरोसा किया।' 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से हर चुनौती को पार करेंगे और सरकार के कामों को आगे बढाएंगे। मंत्री तक नहीं रहे, अब दिग्गजों को पछाड़ा धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रमेश पोखरियाल निशंक, बिशन सिंह चुफाल जैसे कई दिग्गजों को छोड़कर पुष्कर सिंह धामी का सीएम पद के लिए चुना जाना हैरत में डालने वाला है। वह कभी मंत्री भी नहीं रहे हैं और ना ही उन्हें कोई प्रशासनिक अनुभव है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने उन्हें उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर युवा मतदाताओं को लुभाने और कुमाऊं क्षेत्र में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश की है। राजनाथ सिंह से नजदीकी काम आई बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नजदीकी धामी के मुख्यमंत्री बनने में काफी काम आई। 90 के दशक में उन्होंने लखनऊ में एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजन की जिम्मेदारी निभाई थी और इससे राजनाथ सिंह उनसे बहुत प्रभावित हुए थे। तब से लगातार धामी राजनाथ के संपर्क में बने रहे। धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भी करीबी हैं। माना जाता है कि कोश्यारी उन्हें उंगली पकड़कर राजनीति में लाए थे। छात्र राजनीति से CM तक का सफर
  • पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में 16 सितम्बर 1975 को हुआ।
  • लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा में पोस्टग्रेजुएशन किया है।
  • 90 के दशक में ABVP में कई पदों पर रहे। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
  • 2012 में खटीमा से विधानसभा पहुंचे। लगातार दूसरी बार खटीमा से ही विधायक बने।


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