रविशंकर, जावड़ेकर, हर्षवर्धन गए... अब रोज ऐक्शन में नजर आएंगे मोदी के ये 5 नए मंत्री

Modi Cabinet Reshuffle 2021: मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) का केंद्रीय कैबिनेट में प्रमोशन हुआ है। उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा मिला है। पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) रेलवे के अलावा संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय का कामकाज भी देखेंगे।

केंद्रीय मंत्रिपरिषद की नई तस्वीर सबके सामने आ गई है। 36 नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। सात मंत्रियों का प्रमोशन हुआ है जबकि कुल 12 मंत्रियों को हटा दिया गया है। इनमें सात कैबिनेट मंत्री और 5 जूनियर मंत्री शामिल हैं। वैसे तो भारत सरकार के हर मंत्री की जिम्मेदारी अहम है, लेकिन कुछ मंत्रियों को ज्यादा लाइमलाइट मिलेगी। गृह, रक्षा, विदेश, वित्त के अलावा कई मंत्रालय ऐसे हैं जो रोज सुर्खियों में रहते हैं। आइए मोदी सरकार के ऐसे ही कुछ मंत्रियों से आपका परिचय कराते हैं जिनकी सूरत आपको कमोबेश हर दिन देखने को मिलने वाली है।
कोरोना काल में खूब सक्रिय दिखेंगे ये दो चेहरे

कोविड-19 महामारी से प्रभावी तौर पर निपटने में नाकाम रहे डॉ हर्षवर्धन को कैबिनेट से हटा दिया गया है। उनकी जगह मनसुख मंडाविया भारत के स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए हैं। तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा संभालने जा रहे मंडाविया पिछले हफ्ते भर में तीन वैक्सीन निर्माओं की प्रॉडक्शन फैसिलिटी का दौरा कर चुके हैं। साइकिल से संसद पहुंचकर अपनी अलग पहचान बनाने वाले मंडाविया भी हर्षवर्धन की तरह कोविड पर लगभग रोज अपडेट देते नजर आएंगे।
हेल्थ मिनिस्ट्री में ही जूनियर मंत्री का पद मिला है महाराष्ट्र की डॉ भारती प्रवीण पवार को। डॉ भारती ने पुणे की भारती यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई की है। वह कुपोषण को लेकर अपने काम के लिए जानी जाती हैं। बतौर स्वास्थ्य राज्य मंत्री उनके कंधों पर देश को कोविड-19 महामारी से बाहर निकालने का जिम्मा है।
गोयल की जगह एक और तेजतर्रार चेहरा संभालेगा रेलवे

रेल मंत्री के रूप में पीयूष गोयल ने अपनी छाप छोड़ी। हालांकि अब वे तीन नए मंत्रालयों की कमान संभालेंगे। गोयल की जगह उनकी ही तरह काम करने वाले अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय सौंपा गया है। अश्विनी इसके अलावा संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जिम्मा भी संभालेंगे। हाल के दिनों में ट्विटर के साथ हुए विवाद के बीच उनके लिए भी कड़ी चुनौती सामने है।
तीन-तीन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद अश्विनी वैष्णव लगातार खबरों में रहेंगे। ओडिशा से राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। 2008 में अमेरिका चले गए और वहां से एमबीए कर लौटे। फिर कुछ मल्टीनैशनल कंपनियों में काम किया। वैष्णव को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) में उनके काम के लिए याद किया जाता है।
बच्चों, युवाओं की शिक्षा का जिम्मा प्रधान का

अब तक पेट्रोलियम मंत्रालय संभालते रहे धर्मेंद्र प्रधान देश के अगले शिक्षा मंत्री होंगे। उन्हें रमेश पोखरियाल 'निशंक' की जगह यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधान के पास स्किल डिवेलपमेंट और आंत्रपेन्योरशिप का मंत्रालय भी रहेगा। प्रधान आजाद भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक पेट्रोलिय मंत्रालय में मंत्री रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता का सूत्रधार माना जाता है।
कोविड-19 के दौर में पढ़ाई को लेकर काफी उथल-पुथल रही है। शिक्षा क्षेत्र लगभग डेढ़ साल से ऑनलाइन मोड में चल रहा है। 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द हुए हैं। कई अन्य परीक्षाएं स्थगित हैं। ऐसे में धर्मेंद्र प्रधान के आगे बड़ी चुनौती है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के जिम्मे हवाई सफर

कैबिनेट के नए चेहरों में से एक, ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पिता की तरह नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है। कोविड काल में फ्लाइट्स बंद रहीं, फिर घरेलू उड़ानें शुरू की गईं। सिंधिया के सामने चुनौती इंटरनैशनल फ्लाइट्स को बिना किसी दिक्कत के बहाल करना और एविएशन सेक्टर को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करने की होगी। जाहिर है कि मीडिया से उनका आमना-सामना अक्सर होता रहेगा।
50 साल के सिंधिया ने कांग्रेस से नाता तोड़ कर मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवा दी थी। उनकी दादी, राजमाता विजयराजे सिंधिया बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं। सिंधिया 2006 में भी केंद्र सरकार में आईटी मंत्रालय का जिम्मा देख चुके हैं, फिर कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज मंत्रालय भी संभाला। उन्होंने हार्वर्ड और स्टैनफर्ड से पढ़ाई की है।
जयशंकर की तरह शब्दों की अहमियत समझती हैं लेखी

सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाली मीनाक्षी लेखी को बखूबी पता है कि कौन सी बात कहां कहनी है। अपने तर्कों से विरोधी पक्ष को कमजोर कर देना उनके पेशे का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय में एस जयशंकर के मातहत लेखी का वकालत का अनुभव खासा काम आएगा। नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी एक अच्छी प्रवक्ता भी हैं, ऐसे में सरकार का पक्ष रखने के लिए उन्हें मीडिया के सामने भेजा जा सकता है। लेखी के पास संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार भी रहेगा।
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