एक शरीर में दो-दो कोरोना! 90 साल की महिला की मौत ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की टेंशन
नई दिल्ली कोविड-19 के डबल इन्फेक्शन को लेकर नए सवाल उठ रहे हैं। बेल्जियम से सामने आए एक मामले ने कन्फ्यूजन और बढ़ा दी है। वहां एक 90 साल की महिला को कोविड-19 के दो अलग-अलग वेरिएंट्स ने इन्फेक्ट किया और उनकी मौत हो गई। उन्हें यूके में मिले अल्फा और साउथ अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट ने संक्रमित किया था। डॉक्टर्स के मुताबिक यह अपनी तरह का पहला केस है। वैज्ञानिकों के अनुसार, महिला को शायद दो अलग-अलग लोगों से संक्रमण हुआ होगा। केस के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कोविड के अलग-अलग वेरिएंट्स से संक्रमित व्यक्ति पर वैक्सीन कितनी असरदार रह पाएगी। को-इन्फेक्शन दुर्लभ मगर हो रहा है...यह रिसर्च पेपर यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी ऐंड इन्फेशियस डिजीजेज (UCCMID) में इसी हफ्ते छपा है। मामला सामने आने के बाद डबल इन्फेक्शन को लेकर नए सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही साथ वैक्सीन के असर को लेकर भी। एक शख्स को वायरस के दो अलग-अलग रूपों का संक्रमण होना 'को-इन्फेक्शन' कहलाता है। बस 5 दिन... सांस टूटती चली गई महिला की मौत मार्च में हुई थी। उन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी, अकेले रहती थीं और घर पर ही देखभाल चल रही थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया तो ऑक्सिजन लेवल्स ठीक थे मगर पांच दिन उनकी मौत हो गई। महिला के श्वसन तंत्र की हालत बद से बदतर होती चली गई। टेस्ट्स में पता चला कि उन्हें दो कोविड स्ट्रेन्स ने संक्रमित किया था। रिसर्च को लीड कर रहीं मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट एन्ने ने कहा कि 'उस समय बेल्जियम में ये दोनों वेरिएंट्स (अल्फा और बीटा) सर्कुलेट हो रहे थे। संभव है कि महिला को दो अलग-अलग लोगों से अलग-अलग वायरस का संक्रमण हुआ हो।' एन्ने ने कहा कि दुनियाभर में डबल इन्फेक्शन को कम करके आंका जा रहा है क्योंकि 'चिंता वाले वेरिएंट्स की टेस्टिंग कम हो रही है और जीनोम सीक्वेंसिंग में को-इन्फेक्शंस की पहचान का आसान तरीका नहीं है।'
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