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मंत्री बनते ही मनसुख मंडाविया का अंग्रेजी ट्वीट वायरल, जमकर मौज ले रहे लोग

नई दिल्ली मोदी कैबिनेट में 43 नए केंद्रीय मंत्रियों को शामिल किया गया। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र से बीजेपी नेता मनसुख मंडाविया को हर्षवर्धन की जगह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया। मनसुख मंडाविया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। उनके पास रसायन व उर्वरक मंत्रालय भी रहेगा। इस बीच सोशल मीडिया में मंडाविया के पुराने ट्वीट को लेकर बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर कुछ लोग उनकी इंग्लिश का मजाक बना रहे हैं तो वहीं अन्य यूजर्स ने ट्रोलर्स की जमकर क्लास भी लगाई। ट्विटर पर मनसुख मंडाविया के पुराने ट्वीट पर यूजर्स उनका मजाक बना रहे हैं। ये ट्वीट मनसुख के अकाउंट से डिलीट हो चुके हैं लेकिन ट्विटर यूजर्स स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें शेयर कर रहे हैं। उदाहरण के लिए एक ट्वीट में मनसुख ने लिखा था, 'Mahatma Gandhiji is our nation of Father.' इस ट्वीट का स्क्रीन शॉट लेकर कई लोगों ने रीपोस्ट किया। मनसुख के अकाउंट से यह ट्वीट 23 अगस्त 2013 को किया गया था। इंग्लिश को लेकर ट्रोल हुए मंडाविया एक यूजर ने लिखा, 'वह अभी तक हमारे स्वास्थ्य मंत्री हैं। बेहद दुखद, उनके इस्तीफे का इंतजार कर रहा हूं।' हिमांशु रंजन नाम के यूजर ने लिखा, 'वह हमारे स्वास्थ्य मंत्री है, अब भगवान स्वास्थ्य के हाथों में हैं, ठीक वैसे ही जैसे महात्मा गांधी हमारे पिता के राष्ट्र हैं।' 'उनकी भाषा अप्रासंगिक है लेकिन उनकी समझ नहीं'इस पर अन्य ट्विटर यूजर्स ने ट्रोलर्स की जमकर क्लास लगाई। वैभव पटेल नाम के एक यूजर ने मनसुख के बचाव में लिखा, 'डॉ. हर्षवर्धन हटाए गए। मनसुख मंडाविया हमारे नए स्वास्थ्य मंत्री हैं। अब हम वाकई सुरक्षित हाथों में हैं।' उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, 'जो लोग सोचते हैं कि मैं उनकी इंग्लिश पर विचार कर रहा हूं, मैं उनकी राइटिंग स्किल्स को कोई तवज्जो नहीं देना चाहता। उन्हें जो काम दिया गया है, उसे लेकर उनकी समझ पर मैं प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा हूं। भाषा अप्रासंगिक है लेकिन उनकी समझ नहीं।' 'आलोचना काम को लेकर होनी चाहिए'राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला लिखते हैं, 'यह देखना दुर्भाग्यवश है कि काफी लोग मनसुख मंडाविया जी को उनकी अंग्रेजी में दक्षता की कमी के लिए ट्रोल कर रहे हैं। आलोचना करना है तो उनके काम के लिए कीजिए।' काम से जज करो, भाषा से नहीं लेखक आनंद रंगानाथन ने ट्वीट किया, 'स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की टूटी-फूटी इंग्लिश के लिए उनका मजाक बनाने वाले मूर्खों, उन्हें उनके काम से जज करो। एक भारतीय राजनेता का सबसे बड़ा योगदान मिड डे मील योजना है। कामराज ने इसका शुभारंभ किया। और टूटी-फूटी अंग्रेजी की बात तो छोड़िए, वह कभी स्कूल तक नहीं गए थे।' कौन हैं मनसुख मंडाविया गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र से बीजेपी नेता मनसुख मंडाविया 2016 से केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में एक अहम युवा चेहरे रहे हैं। उन्हें पांच जुलाई 2016 को सबसे पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री के तौर पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। उन्होंने 30 जुलाई 2019 को फिर से रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली और पोत, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला। भावनगर जिले के हनोल गांव में एक जुलाई 1972 को एक किसान परिवार में जन्मे मंडाविया सबसे पहले 2012 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और 2018 में फिर से राज्यसभा सदस्य बने। इससे पहले वह गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कोरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे। एबीवीपी से राजनीतिक करियर की शुरुआत उन्होंने आरएसएस की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और बाद में बीजेपी की युवा ईकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) में शामिल हो गए। मंडाविया 2002 में गुजरात में तब सबसे युवा विधायक बने जब उन्हें पालिताणा निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया। भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक मंडाविया को लंबी पदयात्रा कराने के लिए जाना जाता है। उन्हें 2013 में प्रदेश बीजेपी का सबसे युवा सचिव बनाया गया और 2014 में महासचिव बनाया गया। साथ ही 2014 में उन्हें बीजेपी के सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया जिसमें एक करोड़ लोगों को पार्टी में शामिल किया गया। 2015 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया जहां उन्होंने ‘2030 सतत विकास एजेंडा’ पर भाषण दिया। किफायती दरों में औषधियां मुहैया कराने का श्रेय केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्हें किफायती दरों पर 850 से अधिक औषधियां मुहैया कराने वाले 5,100 से अधिक जन औषधि केंद्र खोलने और हृदय के स्टेंट और घुटने के प्रतिरोपण की कीमत कम करने का श्रेय दिया जाता है। यूनीसेफ ने उन्हें 10 करोड़ सैनिटरी पैड बेचने के लिए जन औषधि केंद्रों की श्रृंखला का इस्तेमाल कर महिला माहवारी स्वच्छता में योगदान देने के लिए सम्मानित किया था।


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