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जहां से सिंधिया चुनाव हारे, वहां भी उनके मंत्री बनने की मन रही खुशियां, हराने वाले उम्मीदवार ने भी दी बधाई, लेकिन क्या खत्म होंगी दूरियां?

अशोकनगर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए का आखिरकार इंतजार खत्म हुआ। बुधवार को उन्होंने नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद से पूरे ग्वालियर -चंबल क्षेत्र में खुशी का माहौल है। सिंधिया-समर्थकों ने ग्वालियर में उनके महल जयविलास पैलेस के सामने आतिशबाजी और मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। खुशी का माहौल गुना-अशोकनगर क्षेत्र में भी है जहां से पिछले लोकसभा चुनाव में सिंधिया हार गए थे। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शहर में बाइक रैली निकाली और सिंधिया को बधाई दी। बधाई देने वालों में स्थानीय सांसद केपी यादव भी शामिल हैं जिन्होंने सिंधिया को चुनाव में हराया था, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या इससे दोनों के बीच दिलों की दूरियां खत्म हो जाएंगी। गुना सिंधिया का पुराना लोकसभा क्षेत्र है। 2002 में वे पहली बार यहीं से सांसद चुने गए थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें केपी यादव ने हरा दिया था। केपी यादव अशोकनगर में ही रहते हैं। लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद ही सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए। एक ही पार्टी में रह कर भी दोनों के रिश्ते अब तक सामान्य नहीं हुए हैं। सिंधिया ने कभी खुलकर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन केपी यादव उन पर कई बार आरोप लगा चुके हैं। सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तो थम गई, लेकिन मनमुटाव बनी रही। सिंधिया और केपी यादव एक मंच पर विरले ही नजर आए हैं। यदि कहीं आमना-सामना होता है तो भी दोनों एक-दूसरे से दूरी बना कर रखते हैं। हाल में सिंधिया गुना के दौरे पर आए तो उससे भी केपी यादव नदारद रहे। सिंधिया के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद से केपी यादव उन्हें दो बार बधाई दो चुके हैं। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने मोदी कैबिनेट में शामिल हुए सभी नए मंत्रियों को बधाई दी तो दूसरे ट्वीट में अलग से सिंधिया को कैबिनेट मंत्री बनने की शुभकामनाएं दी। इसके बाद से कयास लग रहे हैं कि क्या यह मनमुटाव खत्म होने की शुरुआत है।


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