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मोदी कैबिनेट की यूथ ब्रिगेड का हिस्सा बनेंगे सिंधिया, विजयवर्गीय की बंद कमरे में मुलाकातों का भी खुलने लगा राज

भोपाल ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही नरेंद्र मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री अपनी कैबिनेट का जल्द ही विस्तार करने वाले हैं और इसमें बड़े पैमाने पर फेरबदल की संभावना है। सिंधिया के साथ बीजेपी के कुछ और युवा चेहरों को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाए जाएगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ओडिशा के वैजयंत पांडा जैसे नेता कैबिनेट की यूथ ब्रिगेड में शामिल हो सकते हैं। ऐसी संभावना भी है कि प्रधानमंत्री परफॉर्मेंस के आधार पर अपनी कैबिनेट में एमपी कोटे से बने मंत्रियों में कुछ और फेरबदल कर सकते हैं और इसका फायदा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव को मिल सकता है। मध्य प्रदेश के चार मंत्री फिलहाल मोदी कैबिनेट में शामिल हैं। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, थावर चंद्र गहलोत, फग्गन सिंग कुलस्ते और प्रह्लाद पटेल शामिल हैं। मोदी ने हाल में अपने मंत्रियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा की है और इसके आधार पर कुलस्ते या गहलोत में से किसी एक को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है। इसका फायदा कैलाश विजयवर्गीय को मिल सकता है। बंगाल चुनाव के बाद नई जिम्मेदारी की प्रतीक्षा कर रहे विजयवर्गीय भी केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद विजयवर्गीय लंबे समय बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए हैं। हाल के दिनों में भोपाल और दिल्ली में उन्होंने कई नेताओं से बंद कमरे में मुलाकातें की हैं। विजयवर्गीय गृह मंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र हैं। दूसरी ओर, मोदी अपनी कैबिनेट के कई सहयोगियों के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में विजयवर्गीय की कैबिनेट में एंट्री का रास्ता भी खुल सकता है। कैबिनेट में फेरबदल के जरिये बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सिंधिया को इनाम देने के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रास्ता भी साफ कर सकता है। विजयवर्गीय की हालिया मुलाकातों को एमपी में नेतृत्व परिवर्तन की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। विजयवर्गीय और शिवराज के मतभेद भी किसी से छिपे नहीं हैं। विजयवर्गीय और सिंधिया, दोनों ही एमपी में मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज का विकल्प माने जाते हैं। दोनों को केंद्र में लाकर बीजेपी की रणनीति नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को विराम देना है। इन दोनों नेताओं को मंत्री बना कर पार्टी यह संदेश भी देना चाहती है कि एमपी में फिलहाल शिवराज के लिए कोई खतरा नहीं है।


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