एमपी में आज से शुरू हो गई ऑनलाइन पढ़ाई, सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे प्राइवेट स्कूल
भोपाल प्राइवेट स्कूलों (Private School Resume Online Classes) ने एमपी में 12 जुलाई को बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर दी थी। इसके बाद प्राइवेट स्कूलों ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट () जाने का निर्णय लिया है। सरकार ने कहा कि तीसरी लहर टलने तक स्कूल के कैंपस बंद रहेंगे। वहीं, स्कूलों ने मंगलवार से ऑनलाइन क्लासेज फिर से शुरू करने का फैसला किया है। सरकार से विवाद के बाद 12 जुलाई को एमपी में प्राइवेट स्कूलों ने सरकार की धमकी दी थी कि हम अनिश्चितकाल के लिए ऑनलाइन क्लासेज बंद कर देंगे। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एमपी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विनय राज मोदी ने कहा था कि राज्य की राजधानी और राज्य के अन्य हिस्सों के अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चलती हैं। वहीं, हाईकोर्ट जाने के फैसले पर मोदी ने कहा कि हम न तो छात्रों के खिलाफ हैं और न ही अभिभावकों के। कक्षाएं बंद रखने से छात्रों को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार और स्कूलों के संबंध में उसके फैसलों के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। हम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे। 13 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। इस बीच कई स्कूलों ने परीक्षा स्थगित कर दी थी क्योंकि उन्होंने सोमवार को ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित नहीं की थी। विनय राज मोदी ने कहा कि पिछले 18 महीनों से सभी व्यावसायिक क्षेत्र महामारी से प्रभावित हुए हैं, लेकिन स्कूली शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है। कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों को छोड़कर, जिन्होंने स्कूल में दो से तीन महीने पढ़ाई की है। अगर इन्हें छोड़ दें तो पिछले 16 महीनों से छात्र शिक्षा से वंचित हैं। इससे न केवल उनकी शिक्षा बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के बाद सरकार ने हर क्षेत्र में ढील देकर व्यापार और सेवाओं को बहाल किया है, वहीं शिक्षण संस्थान बंद हैं। बच्चे अकेले या अपने माता-पिता के साथ बाजार, मॉल, शादी, पिकनिक और मेलों में जा रहे हैं। केवल स्कूल जाना प्रतिबंधित है। वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया है कि निजी स्कूल इस सत्र में भी फीस नहीं बढ़ाएंगे और छात्रों से केवल ट्यूशन फीस ली जाएगी। मोदी ने आरोप लगाया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरफ से की गई घोषणा ने पूरे राज्य के शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को और शिक्षाविदों को झकझोर दिया है। हर कोई सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये से आहत है।
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