पड़ोसी राज्यों के पुराने पावर प्लांट्स बंद करवाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा- वापस लो याचिका

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से वह याचिका वापस लेने को कहा है जिसमें उसने पड़ोसी राज्यों के 10 ताप बिजली संयंत्रों (Thermal Power Plants) को बंद करने की मांग की है। राष्ट्रीय राजधानी की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के ये 10 पावर प्लांट्स की टेक्नॉलजी बहुत पुरानी है जिस कारण से यह हद से ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। अलग से याचिका देने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा कि इन संयंत्रों से फैलने वाले प्रदूषण का असर दिल्ली के वातावरण पर पड़ रहा है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके सामने पहले से ही प्रदूषण से जुड़े मामले लंबित हैं। इसलिए, दिल्ली सरकार को इस संबंध में अलग से याचिका दाखिल करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) दायर करने की कोई जरूरत नहीं है।' दिल्ली सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी सहयोग की अपील की थी। इन 10 पावर प्लांट्स को बंद करने की मांग ध्यान रहे कि याचिका में जिन थर्मल पावर प्लांट्स को बंद करने की मांग की गई है, उनमें पंजाब और हरियाणा के चार-चार जबकि उत्तर प्रदेश के दो शामिल हैं। पंजाब जीएच टीपीएस (लेहरा मोहब्बत) नाभा टीपीपी रोपड़ टीपीएस तलवंडी साबो टीपीपी हरियाणा यमुनानगर टीपीएस इंदिरा गांधी एसटीपीपी पानीपत टीपीएस राजीव गांधी टीपीएस यूपी दादरी एनसीटीपीपी हरदुआगंज टीपीएस दिल्ली सरकार की दलील बहरहाल, केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले महीने दावा किया था कि दिल्ली में प्रदूषण काफी घटा है, लेकिन इसमें और कमी की दरकार है। उन्होंने कहा कि तीन पड़ोसी राज्यों में पुरानी तकनीक से चल रहे थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर देने पर दिल्ली का प्रदूषण स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
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