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लुधियाना, संगरूर जैसे जिलों से किसानों का कूच, मॉनसून सत्र में संसद के बाहर प्रदर्शन के लिए तैयार

नई दिल्ली मॉनसून सत्र के दौरान संसद भवन के बाहर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पंजाब के विभिन्न हिस्सों से किसानों के काफिलों ने दिल्ली की ओर यात्रा शुरू कर दी है। (एसकेएम) ने सोमवार को एक बयान में यह बात कही। किसान मोर्चा ने कहा, 'हमने पहले ही, संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 22 जुलाई से विरोध प्रदर्शन करने की योजना की घोषणा की थी। लुधियाना, संगरूर जैसे कई जिलों से किसानों का कूच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, 'लुधियाना, संगरूर, मनसा, बठिंडा, बरनाला, रोपड़, फाजिल्का और फरीदकोट सहित विभिन्न जिलों के दर्जनों कारवां सिंघू और टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं।' बता दें कि 40 किसान संघों का संगठन संयुक्त किसान मोर्चा तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। 200 किसान संसद के बाहर करेंगे विरोध प्रदर्शन संगठन ने किसानों के अधिकारों की बात संसद में उठाने के लिए 17 जुलाई तक विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र भेजने की अपनी मंशा भी दोहराई। एसकेएम ने कहा, 'फिर, 22 जुलाई से सत्र के अंत तक प्रत्येक किसान संगठन के पांच सदस्य, कुल मिलाकर कम से कम 200 किसान, संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।' कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश करती आ रही सरकार ने कानूनों में संशोधन की पेशकश की है, लेकिन उन्हें रद्द करने से इनकार कर दिया है। किसान संगठनों की ओर से बीजेपी नेताओं को विरोध जारी संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी कहा कि पंजाब में भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है और आज बरनाला जिले के धनोला में भाजपा नेता हरजीत ग्रेवाल के खिलाफ रैली का आयोजन किया गया। संयुक्त मोर्चा के बयान में कहा गया, 'धनोला की दाना मंडी में इकट्ठा होने के बाद, प्रदर्शनकारी काले कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून लाने के नारे लगाते हुए धनोला बाजार पहुंचे।'


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