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भारत में कोरोना की दूसरी लहर में मृत्यु दर 'काफी' बढ़ गई थी, अध्ययन में हुआ खुलासा

नई दिल्ली भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर पहले की तुलना में थोड़ा अलग थी। दूसरी लहर में 20 साल से कम उम्र के लोगों को छोड़कर सभी आयु समूह वाले लोगों में उच्च मृत्यु दर दर्ज की गई थी। दूसरी लहर के दौरान अधिक लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई थी और उन्हें पूरक ऑक्सीजन व यांत्रिक वेंटिलेशन की जरूरत थी। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन रिपोर्ट ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित हुई है जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के विशेषज्ञों ने अंजाम दिया। दूसरी लहर में कोरोना के नए मामलों में दिखी थी जबरदस्त उछाल भारत में पिछले साल सितंबर से गिरावट के बाद मार्च के बाद से कोविड-19 मामलों में दूसरी जबरदस्त वृद्धि देखी गई। अध्ययन में कहा गया है कि इन दो लहरों के दौरान भर्ती किए गए कोविड-19 रोगियों की जनसांख्यिकीय और नैदानिक विशेषताओं में अंतर का वर्णन करने के लिए कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय क्लिनिकल रजिस्ट्री (NCRC) के तहत एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती और पुष्ट कोविड-19 रोगियों के जनसांख्यिकीय, नैदानिक उपचार और परिणाम आंकड़ों को पूरे भारत के 41 अस्पतालों के इलेक्ट्रॉनिक डेटा पोर्टल में डाला गया था। इसमें कहा गया है कि एक सितंबर, 2020 और 31 जनवरी, 2021 के बीच और एक फरवरी से 11 मई, 2021 के बीच नामांकित मरीज इन दो लहरों के प्रतिभागियों में शामिल थे। पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में पुरुषों का अनुपात थोड़ा कम अध्ययन में कहा गया है कि इस साल 11 मई तक 18,961 व्यक्तियों को रजिस्ट्री में शामिल किया गया था, जिनमें से 12,059 और 6,903 क्रमशः पहली और दूसरी लहर के रोगियों को दर्शाते हैं। इसमें कहा गया है कि महामारी की दोनों लहरों में लगभग 70 प्रतिशत भर्ती मरीज 40 साल से ऊपर के थे और पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में पुरुषों का अनुपात थोड़ा कम था। दूसरी लहर में मृत्यु दर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई अध्ययन में कहा गया है कि महामारी की दोनों लहरों में सबसे आम लक्षण रोगी बुखार से पीड़ित थे। दूसरी लहर में, सांस की तकलीफ की शिकायत काफी अधिक थी, पूरक ऑक्सीजन और यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता थी। इसमें कहा गया है कि बीस साल से कम उम्र वाले लोगों को छोड़कर सभी आयु समूहों में दूसरी लहर में मृत्यु दर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई।


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