Top Story

मोती की खेती से चमकेगी किसानों की तकदीर

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले की गिनती सब्जी उत्पादक के तौर पर अग्रणी जिलों में होती है, लेकिन अब जिले को एक नई पहचान मिलने वाली है। जिले के किसान अब मोती की खेती कर अपनी तकदीर संवार सकेंगे। दरअसल प्रदेश में मोती की खेती के लिए मध्यप्रदेश में इकलौते छिंदवाड़ा जिले को इसके लिए चुना गया है, जिसके तहत कृषि विज्ञान केंद्र में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। अब छिंदवाड़ा के किसान मोती की खेती करके सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी इसे पहुंचाएंगे। मोती की खेती करने के लिए किसानों को सब्सिडी रेट पर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, 40 रुपये में 40 तरह के सीप किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे, फिर यही मोती क्वॉलिटी के हिसाब से 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी सप्लाई होगा। 

इसके लिए भारत में अलग-अलग एजेंसी पहले किसानों से एग्रीमेंट करती है और किसानों से सारी प्रक्रिया के तहत मोतियों का उत्पादन कराती हैं। कृषि विज्ञान केंद्र चंदनगांव की प्रोग्राम असिस्टेंट चंचल भार्गव ने बताया कि फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। उन्होंने जयपुर से इसकी ट्रेनिंग ली है कि किस तरीके से मोती की खेती की जाएगी। वे कृषि विज्ञान केंद्र में पहले खुद इसका उत्पादन कर रही हैं और फिर किसानों को इसके लिए तैयार किया जाएगा।

तालाब में होगी मोती की खेतीः मोती की खेती करने के लिए किसानों को खेतों में तालाब की सबसे अहम जरूरत होगी, तालाब की 50 फीट चौड़ाई 80 फीट लंबाई और 12 फीट गहराई जरूरी है। जिसमें मोतियों के बीज डाले जा सकें। सरकार ने कई किसानों के लिए पहले से ही बलराम तालाब बनाए हुए हैं, उन तालाबों में मोती की खेती की जा सकेगी। कृषि विज्ञान केंद्र की प्रोग्राम असिस्टेंट चंचल भार्गव ने बताया कि मोती की खेती के लिए सीप को नदियों से इकट्ठा करना पड़ेगा या फिर इसे बाजार से खरीद सकते हैं। 

इसके बाद हर सीप में एक छोटी सी शल्य क्रिया के बाद उसके भीतर चार से 6 मिलीमीटर डायमीटर वाले साधारण गोल या डिजाइनर वीड जैसे गणेश, बुद्ध, पुष्प आकृति डाली जाती है और फिर सीप को बंद किया जाता है। इन सीपों को नायलॉन बैग में रखकर बांस के सहारे लटका दिया जाता है। तालाब में 1 मीटर की गहराई पर फिर से छोड़ा जाता है प्रति हेक्टेयर 20 हजार से 30 हजार सीपों में मोती का पालन किया जाता है और 15 से 18 महीने में मोती बनकर तैयार हो जाता है।




from Nai Dunia Hindi News - madhya-pradesh : chhindwara https://ift.tt/36joBZ3
via IFTTT