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अगर मंत्री सही नहीं तो पीएम लेंगे ऐक्शन, कोर्ट कुछ नहीं कर सकता, SC ने क्यों कही यह बात

नई दिल्ली ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और साफ कहा कि मंत्री पर कार्रवाई प्रधानमंत्री करेंगे, कोर्ट नहीं। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में दावा किया गया था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की आधिकारिक स्थिति पर टिप्पणी कर उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। न्यायालय ने कहा, 'अगर मंत्री सही नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती।' तमिलनाडु के वैज्ञानिक ने दायर की थी याचिका प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एक पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही तमिलनाडु के निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी की याचिका खारिज कर दी। रामासामी खुद को एक वैज्ञानिक बताते हैं। पीठ ने सुनाई खरी-खरी पीठ ने कहा, 'अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर कर उसे बयान वापस लेने के लिए कहेंगे। अगर मंत्री सहीं नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती।' पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप वैज्ञानिक हैं, इसलिए आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश के लिए कुछ करने में करना चाहिए। हम याचिका खारिज कर रहे हैं। क्या थी शिकायत याचिका में केन्द्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि सरकार यह घोषणा करे कि केन्द्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति के संबंध में कथित टिप्पणी कर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है।


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