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फिर से फन उठाने लगा कोरोना, 24 घंटे में 46265 नए मामले, अकेले केरल में बढ़े 30% केस


नई दिल्ली 
एक वक्त में खत्म होती दिख रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर एक बार फिर से अपना फन उठाने लगी है। त्योहारों की आहट के बीच देश में फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा तेज होने लग गया है। बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना के मामले फिर से 40 हजार के पार पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 
24 घंटे में 46,265 नए मामले और 605 मौतें
https://ift.tt/39d7mrv से मिले डेटा के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 46,265 नए मामले सामने आए हैं और 605 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस दौरान 34,242 लोगों को कोरोना संक्रमण से मुक्ति भी मिली है। देश में अचानक कोरोना के नए मामलों में इजाफे ने लोगों के साथ सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। 
केरल में कोरोना विस्फोट, एक दिन में बढ़े 30% केस
एक तरफ देश में जहां कोरोना वायरस के नए मामलों में गिरावट का सिलसिला जारी है, वहीं सरीखे हालात हैं। बुधवार के डेटा के मुताबिक, यहां एक दिन में 31,445 नए मामले आए, जबकि 215 मौतें हुईं और 20,271 रिकवरी हुईं। राज्य में पॉजिटिविटी रेट 19.03% है।
  केरल में केस बढ़ने के पीछे ये 4 वजहें
जानकारों का मानना है कि केरल में बढ़ते मामलों के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि वहां की बड़ी आबादी संक्रमण से बची हुई थी, जो अब संक्रमित हो रही है। इसके अलावा अनलॉक की प्रक्रिया में कोरोना को लेकर लापरवाही भी जिम्मेदार है। तीसरी वजह कोरोना की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और कन्टेनमेंट का नहीं होना है। चौथी वजह हाल में आए त्योहार हैं। 
34 दिनों के बाद इतने ज्यादा लोगों की मौत
मंगलवार के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 37,593 नए केस सामने आए और 648 लोगों की मौत हुई। 34 दिनों के बाद मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है। वहीं औसत राष्ट्रीय रिकवरी रेट 97% के करीब है जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है। पिछले 24 घंटों में सामने आए नए मामलों में 65 फीसदी मामले सिर्फ एक राज्य केरल से सामने आए हैं। केरल में हालात अभी चिंताजनक बने हुए हैं। पिछली बार 20 मई को राज्य में एक दिन में 30 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए थे। 
डेल्टा से खतरनाक कोविड-22: एक्सपर्ट
एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि 'कोविड-22' नाम का नया वेरिएंट मौजूदा सबसे घातक डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ज्यूरिक में इम्यूनोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉक्टर साई रेड्डी कहना है कि इसकी प्रबल संभावना है कि एक नया वेरिएंट आएगा और हम उससे बचने के लिए वैक्सीन पर निर्भर नहीं रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति जिसने वैक्सीन नहीं लगवाई है इसके संपर्क में आता है तो वह 'सुपर स्प्रेडर' बन सकता है यानी तेजी से संक्रमण को फैला सकता है।


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