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28 की उम्र में पाकिस्तान जेल में पहुंचा यह शख्स, 30 साल बाद जन्माष्टमी के दिन भारत की भूमि पर रखा कदम


सागर 
पाकिस्तान की जेल () में 30 तक रहने के बाद एमपी के प्रह्लाद सिंह ने भारतीय भूमि पर कदम रखा है। पाकिस्तान की जेल में उनके साथ इतनी क्रूरता की गई है कि वह बोलने में भी असमर्थ हैं। एमपी के सागर जिले से 45 किलोमीटर दूर घोसी पट्टी में प्रह्लाद सिंह का घर है। प्रह्लाद के घर लौटने के बाद इनके भाई वीर सिंह भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे। बस वह देखकर रोते रहे। प्रह्लाद के परिवार को 23 साल तक यह अंदाजा भी नहीं था कि प्रह्लाद जिंदा है या मर गया है, मगर यह तो पाकिस्तान की जेल में कैद था। वहीं, वीर सिंह को जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके भाई पाकिस्तान में हैं, रिहाई के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी है। वीर सिंह ने बताया कि प्रह्लाद का आधा जीवन पाकिस्तान में सलाखों के पीछे बर्बाद हो गया है, इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि शेष वर्ष वह एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में जिंदगी जिए। पाकिस्तान रेंजर्स ने सोमवार को प्रह्लाद को बीएसएफ को वाघा बॉर्डर पर सौंप दिया है। उन्हें रावलपिंडी जेल से छोड़ा गया है। प्रह्लाद को पीओके से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान में काफी टॉर्चर किया गया था। मानसिक हालत का भी ख्याल नहीं रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि प्रह्लाद की हालत ऐसी नहीं है कि कुछ वह बोल और याद कर सके। पुलिस अधिकारी को उम्मीद है कि वह कुछ दिन अपने परिवार के साथ रहने के बाद शायद ठीक हो जाए। वहीं, पाकिस्तान की जेल में प्रह्लाद के साथ बंद 21 कैदियों की हालत और भी बुरी है। उन सभी ने जेल की अवधि पूरी कर ली है। मगर उनकी हालत बहुत चिंताजनक है, क्योंकि भारत सरकार को भी उनके रिश्तेदारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मानसिक बीमारियों से जूझते ये लोग अपने परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सके हैं, जिससे अधिकारियों के लिए उनकी पहचान करना और उन्हें मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करना मुश्किल हो गया है। 

रहस्मयी तरीके से हो गए थे गायब
वहीं, प्रह्लाद 28 वर्ष की उम्र में रहस्मयी तरीके से गायब हो गए थे। वह अभी तक नहीं जानते हैं कि उनकी मां और एक भाई की मृत्यु हो गई है। वीर, दो अन्य भाई और तीन बहनें उनके आने का बेसब्री से सागर में इंतजार कर रहे हैं। सोमवार को स्थानीय मीडियाकर्मी जब उनके घर गए तो आंसुओं की वजह से वे लोग बोल नहीं पाए। उनलोगों ने बताया कि वह प्रह्लाद मानसिक रूप से अस्थिर हैं। हमने हर जगह उनकी तलाश की। 2014 में ही, जब पुलिस प्रह्लाद की तलाश में आई, तो हमें पता चला कि वह पाकिस्तान में कैदी है। हमारे पास कोई सुराग नहीं है कि वह वहां कैसे पहुंचा। सागर एसपी अतुल सिंह ने हमाने सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि प्रह्लाद 1991 से लापता था। जहां तक हम जानते हैं, उसे पीओके में गिरफ्तार किया गया था, जहां उसे एक महीने से अधिक समय तक रखा गया और फिर रावलपिंडी में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं, कुछ अधिकारियों को मानना है कि प्रह्लाद अनजाने में पाकिस्तान में घुस गया हो या उसकी तस्करी की गई हो। वह पाकिस्तान की जेल में पेश होने वाले सातवें मानसिक रूप से बीमार शख्स हैं, जो एमपी से हैं और यह एक संयोग के रूप में बहुत अधिक है।


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