8 घंटे हिरासत में रहे राणे, जानें केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी पर क्या कहता है संविधान
नई दिल्ली केंद्रीय कुटिर, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) मंत्री को नासिक पुलिस ने आठ घंटे हिरासत में रखा और फिर कुछ शर्तों के साथ उन्हें रिहा कर दिया। राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए अपशब्द कहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केंद्रीय मंत्रियों की गिरफ्तारी संवैधानिक और कानूनी है? क्या केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी संवैधानिक? लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य कहते हैं कि किसी केंद्रीय मंत्री को आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी से छूट नहीं मिली हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को सिविल मामलों में गिरफ्तारी से तो छूट हासिल है, लेकिन आपराधिक मामलों में नहीं। इस नियम को समझाते हुए आचार्य बताते हैं कि केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों पर सिविल मामलों में कोई आरोप लगे तो संसद सत्र से 40 दिन पहले, संसद सत्र के दौरान और सत्र खत्म होने के 40 दिन बाद तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। उन्होंने साफ कहा कि रूल बुक में ऐसा कुछ नहीं है कि आपराधिक मामलों में उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। क्या है केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की गिरफ्तारी से जुड़ा नियम? आचार्य कहते हैं, 'नियम यह है कि संबंधित सदन के प्रजाइडिंग ऑफिसर (लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति) को मंत्री या सांसद की गिरफ्तारी की सूचना जरूर देनी होगी। तब संसद सत्र नहीं चल रहा हो तो पार्ल्यामेंट बुलेटिन में यह जानकारी प्रकाशित की जाती है और अगर संसद चल रहा हो तो संबंधित सदन को जानकारी दी जाती है।' इस नियम में सिर्फ और सिर्फ एक अपवाद है कि अगर किसी मंत्री या सांसद को संसद भवन परिसर से ही गिरफ्तार किया जाना हो तो वो जिस सदन के सदस्य हैं, उसके पीठासीन अधिकारी (लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति) से इसकी अनुमति लेनी होगी। उनकी अनुमति के बिना किसी मंत्री या सांसद को संसद भवन परिसर से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। सिर्फ इन दो को गिरफ्तारी से छूट संविधान कहता है कि सिविल के साथ-साथ क्रिमिनल मामलों में भी गिरफ्तारी से छूट सिर्फ देश के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल को प्राप्त है। राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए आपराधिक मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। आपराधिक मामलों में भी उनकी गिरफ्तारी तभी संभव हो सकती है जब वो पद त्याग दें या उनका कार्यकाल खत्म हो जाए। यानी, राष्ट्रपति या राज्यपाल का पद उनके पास नहीं बचेगा, तभी उनकी गिरफ्तारी हो सकेगी। गिरफ्तार होने वाले तीसरे केंद्रीय मंत्री बने राणे नारायण राणे बीते 20 सालों में गिरफ्तार होने वाले पहले केंद्रीय मंत्री हैं। किसी राज्य की पुलिस ने किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किया हो, इस मामले में राणे तीसरे केंद्रीय मंत्री हैं। इससे पहले, जून 2001 में केंद्रीय मंत्रियों- मुरासोली मारण और टीआर बालू को तमिलनाडु पुलिस ने 12 करोड़ रुपये के फ्लाइओवर घोटाले में गिरफ्तार गया था। उनसे पहले तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधी की भी गिरफ्तारी हो चुकी थी। मारन और बालू को अगले दिन जमानत पर छोड़ा गया तो तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने चेन्नै जाकर उनसे मुलाकात की थी।
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