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'भारतीय विज्ञान का जश्‍न मनाते तो सीवी रमन को छोड़ देते?', अमृत महोत्‍सव पोस्‍टर से नेहरू की तस्वीर गायब होने से कांग्रेस आग बबूला

नई दिल्लीभारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में जारी पहले डिजिटल पोस्टर में जवाहरलाल नेहरू की तस्‍वीर गुम है। इसने कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों को केंद्र सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। देश का मुख्‍य विपक्षी दल इससे बेहद नाखुश है। उसके तमाम नेताओं ने एक साथ सरकार पर हमला बोला है। सभी ने भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की भी जमकर निंदा की है। भारत के 75वें स्‍वतंत्रता दिवस को 'आजादी का अमृत महोत्‍सव' के तौर पर मनाया जा रहा है। दरअसल, आईसीएचआर ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह को लेकर एक पोस्टर जारी किया है। इसमें नेहरू की तस्वीर न लगाने पर विवाद शुरू हो गया है। इसके लिए विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है। इसे 'तुच्छ और भद्दा' करार दिया है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में जारी पहले डिजिटल पोस्टर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर न लगाने पर भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की रविवार को जमकर आलोचना की। कहा कि इस पर दी गई सफाई हास्यास्पद है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आईसीएचआर के सदस्य सचिव पर घृणा और पूर्वाग्रह के आगे झुकने का आरोप लगाया। उनसे पूछा कि क्या वह मोटर कार के जन्म का जश्न मनाते हुए हेनरी फोर्ड को छोड़ देंगे या विमानन के जन्म का जश्न मनाते हुए राइट बंधुओं को भूल जाएंगे। मोटर कार का आविष्कार फोर्ड ने किया था। राइट बंधुओं को दुनिया के पहले विमान के निर्माण और उड़ान का श्रेय दिया गया था। उन्होंने ट्वीट किया, '75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए पहले डिजिटल पोस्टर में जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर न लगाने का आईसीएचआर सदस्य सचिव का स्पष्टीकरण हास्यास्पद है।' उन्होंने यह भी कहा, 'घृणा और पूर्वाग्रह के आगे झुकने के बाद बेहतर यह रहेगा कि सदस्य सचिव अपना मुंह बंद ही रखें।' चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर वह मोटर कार के आविष्कार का जश्न मना रहे होते, तो क्या वह हेनरी फोर्ड को हटा देते? अगर वह विमानन के जन्म का जश्न मना रहे होते, तो क्या वह राइट बंधुओं को छोड़ देते? अगर वह भारतीय विज्ञान का उत्सव मना रहे होते तो क्या वह सीवी रमन को हटा देते?' क्‍या दी है सफाई? आईसीएचआर शिक्षा मंत्रालय के अधीन सांस्‍कृतिक निकाय है। देश के पहले पीएम की तस्‍वीर को जानबूझकर हटाए जाने के आरोपों को लेकर उसने सफाई दी है। उसने कहा है कि आजादी के अमृत महोत्‍सव को लेकर अगली कड़ी में कई और पोस्‍टर छपने हैं। इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू नजर आएंगे। कैसे शुरू हुआ हंगामा? आजादी के अमृत महोत्‍सव के उपलक्ष्‍य में शनिवार को आईसीएचआर ने पोस्‍टर जारी किया था। इसमें महात्‍मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ भीम राव अंबेडकर, वीर सावरकर, भगत सिंह, मदन मोहन मालवीय और सरदार वल्‍लभभाई पटेल की तस्‍वीरें हैं। हालांकि, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को इसमें जगह नहीं मिली है। कांग्रेस सहित कई लोगों को यह बात बहुत ज्‍यादा अखरी है। राहुल गांधी ने तुरंत दी थी प्रतिक्रिया यह पोस्‍टर जारी होने के तुरंत बाद ही कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी की इस मामले में प्रतिक्रिया आ गई थी। उन्होंने फेसबुक पर नेहरू के जीवन से जुड़ी कई तस्वीरें साझा करते हुए कहा था, 'देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिल से कैसे निकालोगे?' थरूर ने लिखा- पोस्‍टर शर्मसार करने वाला कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा कि भारत की स्‍वतंत्रता में जवाहरलाल नेहरू मुखर आवाज थे। उन्‍हें छोड़कर आजादी का जश्‍न मनाने की कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है। यह बेहद 'ओछा' ही नहीं, बल्कि इतिहास को बिसराने वाला भी होगा। ICHR ने खुद को एक बार फिर शर्मसार किया है। यह उसकी आदत होती जा रही है! अन्‍य नेताओं का भी हमला कांग्रेस की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता डॉ शमा मोहम्‍मद ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के उल्लेख को छोड़ना एक बड़े डर की ओर इशारा करता है। यह दिखाता है कि नेहरू की अद्वितीय विरासत से पीएम मोदी और भाजपा सरकार को कितना डर और खतरा है। ऐसी असुरक्षा पीएम की शोभा नहीं देती है!


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