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सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट के गठन की जरूरत बताई...सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने को कहा


सुप्रीम कोर्ट
एमएलए और एमपी के खिलाफ क्रिमिनल केसों की लंबी पेंडेंसी पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस मामले को डील करने के लिए ज्यादा स्पेशल और सीबीआई कोर्ट के गठन की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वह जहां भी स्पेशल कोर्ट के गठन की जरूरत है वहां इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने में मदद करे।
  बीजेपी नेता की अर्जी पर आदेश
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किया। उपाध्याय ने कहा है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ पेंडिंग क्रिमिनल केस के जल्द निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य में एक या दो स्पेशल कोर्ट न्याय का उपहास होगा क्योंकि बड़ी संख्या में पेंडिंग केस हैं।
  मध्य प्रदेश का दिया उदाहरण
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि भोपाल में एक स्पेशल कोर्ट है राज्य के अलग-अलग इलाके से फिजिकल तौर पर लोगों की पेशी संभव नहीं है। ये न्याय का उपहास है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों में कई कई स्पेशल कोर्ट और सीबीआई कोर्ट के गठन की जरूरत है। ये संभव नहीं है कि राज्य में एक या दो स्पेशल कोर्ट में ट्रायल हो।
  स्पेशल कोर्ट के गठन की कही बात
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया है कि राज्य के अलग अलग इलाके में स्पेशल कोर्ट का गठन हो और जहां 100 से ज्यादा केस पेंडिंग है वहां कोर्ट का गठन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा है कि कि पेंडिंग केसों के ट्रायल के लिए जहां भी जरूरत है वहां स्पेशल कोर्ट का गठन करें। सुप्रीम करो्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें हाई कोर्ट को पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराएं ताकि जरूरत के हिसाब से स्पेशल कोर्ट का गठन किया जा सके। 

केसों की पेंडेंसी से चिंतित- सुप्रीम कोर्ट 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पेंडिंग केसों में अलग-अलग नहीं जाना चाहते हैं लेकिन मौजूदा पेंडेंसी पर हम चिंतित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के सामने सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर मामला उठाएंगे कि पर्याप्त मैन पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर सीबीआई को मिले ताकि समय पर छानबीन पूरा किया जा सके। अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट से कहा जाता है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि समय पर ऐसे मामले का ट्रायल सुनिश्चित हो।


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