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जानिए, कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जज BV नागरत्ना जो बनेंगी भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस

Justice Nagrathna: जानिए, कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना जो बनेंगी भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 9 जजों ने शपथ ली हो। मंगलवार को तीन महिला जजों समेत कुल 9 जजों को चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ तीन-तीन महिला जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर हुई है। जिन तीन महिला जजों ने आज शपथ ली उनमें जस्टिस बी. वी. नागरत्ना के अलावा जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली का नाम शामिल है।

Justice BV Nagarathna: क्या आप जानते हैं कि सितबंर 2027 में भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनने वाली बीवी नागरत्ना के पिता ईएस वेंकटरमैया भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके थे।

सुप्रीम कोर्ट में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 9 जजों ने शपथ ली हो। मंगलवार को तीन महिला जजों समेत कुल 9 जजों को चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ तीन-तीन महिला जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर हुई है। जिन तीन महिला जजों ने आज शपथ ली उनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना के अलावा जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली का नाम शामिल है।


कौन हैं जस्टिस बी. वी. नागरत्ना जो बनेंगी पहली महिला चीफ जस्टिस?
कौन हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना जो बनेंगी पहली महिला चीफ जस्टिस?

सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थीं। जस्टिस नागरत्ना ने 1987 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने पूरे 23 साल तक वकालत की और उसके बाद बतौर जज भूमिका संभाली। उन्हें 2008 में हाई कोर्ट में अडिशनल जज नियुक्त किया गया। उसके बाद फरवरी 2010 में जस्टिस नागरत्ना को हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किया गया। जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।


तीसरी चीफ जस्टिस जिनका कार्यकाल रहेगा सबसे कम
तीसरी चीफ जस्टिस जिनका कार्यकाल रहेगा सबसे कम

बतौर चीफ जस्टिस बीवी नागरत्ना का कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा। यह सुप्रीम कोर्ट के 77 सालों के इतिहास में किसी चीफ जस्टिस का तीसरा सबसे छोटा कार्यकाल होगा। जस्टिस कमल नारायण सिंह ऐसे चीफ जस्टिस रहे जिनका कार्यकाल सबसे छोटा रहा। वह 25 नवंबर 1991 से 13 दिसंबर 1991 तक यानी महज 18 दिनों के लिए चीफ जस्टिस रहे। उनके बाद जस्टिस एस राजेंद्र बाबू का नंबर आता है जिन्होंने 2 मई 2004 से 31 मई 2004 तक सिर्फ 30 दिनों के लिए चीफ जस्टिस के तौर पर अपनी सेवा दी। अब जस्टिस नागरत्ना 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनेंगी जो तीसरा सबसे छोटा कार्यकाल होगा।



जस्टिस नागरत्ना के पिता भी थे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
जस्टिस नागरत्ना के पिता भी थे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी 1989 में चीफ जस्टिस बने थे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ये दूसरा मौका होगा, जब पिता के बाद दूसरी जेनरेशन में बेटी चीफ जस्टिस बनेगी। इससे पहले सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में चीफ जस्टिस बनेंगे। उनके पिता जस्टिस वाई बी चंद्रचूड़ 1978 में चीफ जस्टिस बने थे। जस्टिस वाईबी चंद्रचूड़ 7 साल भारत के चीफ जस्टिस रहे जो कि अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।



जस्टिस नागरत्ना के महत्वपूर्ण फैसले
जस्टिस नागरत्ना के महत्वपूर्ण फैसले

साल 2012 में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ा एक फैसला सुनाया था। उन्होंने मीडिया को नियंत्रित करने की बात कही थी। हालांकि नियंत्रण की बात उन्होंने सनसनी फैलाने के संदर्भ में कही थी।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने साल 2019 में कर्नाटक के मंदिरों में काम करने वालों को लेकर एक फैसला सुनाया था। तब उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के मंदिर कोई व्यावसायिक संस्थान नहीं हैं। ऐसे में यहां काम करने वालों को ग्रेच्युटी पेमेंट ऐक्ट के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जा सकता है, लेकिन कर्नाटक के मंदिरों में काम करने वाले कर्नाटक हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशंस ऐंड चैरिटेबल एंडाउमेंट ऐक्ट के तहत ग्रेच्युटी के हकदार होंगे।

एक और सुनवाई के दौरान जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस एच संजीव कुमार ने ऑब्जर्व किया था कि अवैध माता-पिता हो सकते हैं, लेकिन कभी भी बच्चा अवैध नहीं हो सकता है।





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