आदिवासियों को लुभाने आ रहे अमित शाह, 2018 में एमपी बीजेपी को पहुंचाया है बड़ा नुकसान, समझें पूरा प्लान

जबलपुर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( News) 18 सितंबर को जबलपुर आ रहे हैं। अमित शाह के इस दौरे को आदिवासियों को 2023 के चुनाव के लिए लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। शाह यहां गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं। इसके साथ ही अमित शाह इस दिन जनजातीय अभियान की शुरुआत भी करेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि यहां स्थानीय यूनिट की तरफ से कई कार्यक्रम किए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उसमें भी शामिल होंगे। बीजेपी सूत्रों ने अपने बताया कि ट्राइबल बेस्ड इलाकों में शाह अपने इस दौरे से बीजेपी के प्रयासों को नई ताकत देंगे। महाकौशल इलाके में आदिवासियों की अच्छी आबादी है। खासकर डिंडौरी, अनूपपुर और छिंदवाड़ा में। शंकर शाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा था। उन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था। इसके बाद अंग्रेजों ने 1858 में उन्हें मार दिया था। बीजेपी ने हाल ही में जबलपुर जिले में कार्यसमित और एसटी मोर्चा की बैठक की है। इसमें आदिवासी बहुल इलाके में अपनी स्थिति को समझा है। आदिवासी बहुल इस इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 84 में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। वहीं, जिन सीटों पर आदिवासी उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ बीजेपी को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव शिव प्रकाश ने पार्टी की कार्यसमिति के दौरान नेताओं को दलित और आदिवासी सीटों पर फोकस करने के लिए कहा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि अमित शाह अपने इस दौरे से अभियान में जान फूंकने की कोशिश करेंगे।
कार्यक्रम की तैयारी शुरू
रविवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल पर जाकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। प्रह्लाद पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 साल पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव मनाने की घोषणा की थी, जिसके चलते देश के ऐसे अमर शहीदों को अमृत महोत्सव के माध्यम से याद किया जा रहा है। इन शहीदों ने कीमत बड़ी चुकाई है, लेकिन उनकी चर्चा कम हुई। ऐसे लोगों को देश याद रखे इसलिए अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
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