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ओबीसी आरक्षण पर शिवराज सरकार को हाईकोर्ट से झटका, 27 फीसदी पर अंतिम सुनवाई के बाद ही निर्णय


जबलपुर
ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण (OBC Reservation News) देने के मामले में शिवराज सरकार को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकार की अंतरिम अर्जी खारिज कर दी है। साथ ही एमपी हाईकोर्ट ने मेडिकल पीजी प्रवेश, पीएससी और शिक्षक भर्ती में 14 फीसदी से अधिक ओबीसी आरक्षण पर लगाई गई रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण पर रोक दो वर्ष से ज्यादा समय से प्रभावी है। कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई अंतरिम आदेश पारित करने के बजाए याचिकाकर्ताओं का अंतिम निराकरण करना ही उचित होगा। इस मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख 20 सितंबर रखी गई है। इसके बाद ही प्रदेश में फैसला होगा कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा या नहीं। कुल 34 याचिकाकर्ताओं ने ओबीसी आरक्षण को कोर्ट में चुनौती दी है। राज्य सरकार की तरफ से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने अपना पक्षा रखा। मगर हाईकोर्ट ने उनकी तमाम दलीलों को ठुकरा दिया है। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण को लेकर 20 सितंबर से सुनवाई होगी। वहीं, प्रदेश की सरकार ने कहा है कि राज्य में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है। सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए इन्हें बढ़ा हुई आरक्षण देना जरूरी है। गौरतलब है कि एमपी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस लगातार इसे लेकर सरकार को घेर रही है। ऐसे में शिवराज सरकार ओबीसी को आरक्षण देने के लिए जोर लगा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए वचनबद्ध हैं। कोर्ट में सरकार मजबूती के साथ अपना पक्ष रख रही है। जरूरत पड़ी तो दिल्ली से हम बड़े वकीलों को बुलाएंगे।


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