तो इसलिए 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें क्या है कहानी

History and significance
दुनियाभर में (Teachers’ Day) को महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि यह गुरू के सम्मान में मनाया जाने वाला दिन है, जिसे किसी फेसटिवल की तरह ही सेलिब्रेट किया जाता है। हालांकि, इंटरनेशनल 05 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाता है, जिसकी घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी। भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है, आप जानेंगे तो महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सलाम करेंगे। भारत के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन () का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था। उन्हीं की याद में इस तारीख को हम टीचर्स डे () के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।
शिक्षक दिवस का इतिहास ()
दरअसल, 05 सितंबर अपने जन्मदिन पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति (1962-1967) डॉ राधाकृष्णन अपने कार्यालय पहुंचे थे। वहां मौजूद उनके कुछ छात्र और दोस्त इस दिन को खास अंदाज में सेलिब्रेट करना चाहते थे। डॉ. राधाकृष्णन ने किसी तरह के तामझाम और स्पेशल करने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि अगर वे इस दिन को खास बनाना ही चाहते हैं तो देश के शिक्षकों को लिए बनाएं। और इस तरह भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस का महत्व ()
यह दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और आभार प्रकट करने का दिन है। देशभर में, स्कूल, कॉलेज, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से लेकर कोचिंग सेंटर्स में डॉ राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देकर इस दिन (Teachers’ Day) को मनाया जाता है। छात्र अपने शिक्षकों को मैसेज, कार्ड और गिफ्ट देकर उनकी सराहना और आभार प्रकट करते हैं।
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पिछले साल, कोरोना वायरस (COVID 19) महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज और बाकी शिक्षण संस्थानों पर ताला लगा था। बावजूद इसके, छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शिक्षकों को टीचर्स डे की बधाई () दीं। हालांकि, इस साल कोविड-19 के कम होते संक्रमण को देखते हुए स्कूल - कॉलेजों को फिर से खोला जा रहा है। फिर भी सोशल मीडिया के जरिए बधाई संदेश भेजना बेस्ट है। आप भी इस दिन को खास बनाने के लिए अपने टीचर के प्रति आभार और स्नेह का इजहार कर सकते हैं। ये भी पढ़ें:
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