इकानामिक कारिडोर में 500 मीटर के बजाय 300 मीटर जमीन लो

इकानामिक कारिडोर में 500 मीटर के बजाय 300 मीटर जमीन लो
*पीथमपुर मास्टर प्लान की 111 आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने की मांग
*निराकरण के बाद घोषित किया जाएगा मास्टर प्लान
इंदौर पीथमपुर मास्टर प्लान को लेकर गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में दावे-आपित्तयों पर सुनवाई की गई। कुल 111 आपत्तियों में ज्यादातर ग्रीन बेल्ट और इकानामिक कारिडोर को लेकर थी। कुछ लोगों ने त्रुटियां भी बताईं। बेटमा क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि कारिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर जमीन रखी गई है, इसे घटाकर 300 मीटर किया जाना चाहिए।
कुछ ग्रामीण एकेवीएन द्वारा बनाए जा रहे नए औद्योगिक क्षेत्र की आपत्ति लगाने आए थे। कमेटी सदस्यों ने उनसे कहा कि उसके लिए एकेवीएन द्वारा अलग से सुनवाई की जाएगी। रेलवे के लिए आरक्षित जमीन को लेकर भी ग्रामीणों ने कहा कि रेलवे प्रोजेक्टों के लिए जमीन ज्यादा ले ली जाती है और बाद में उतने हिस्से में निर्माण नहीं होता।
ऐसे में वास्तविक प्रोजेक्टों के हिसाब से ही जमीन मास्टर प्लान में रखी जाए, ताकि जमीन मालिकों को नुकसान नहीं उठाना पड़े। सुनवाई कमेटी में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, धार के सांसद छतर सिंह दरबार, विधायक नीना वर्मा, विधायक विशाल पटेल, कलेक्टर मनीष सिंह आदि मौजूद थे।
आबादी क्षेत्र की जमीन बता दी औद्योगिक
देपालपुर क्षेत्र के एक गांव के लोग का कहना था कि उनके गांव में जहां आबादी क्षेत्र है, वहां औद्योगिक जमीन दर्शा दी गई है। यह मास्टर प्लान के प्रारूप में बड़ी त्रुटि है। बेटमा के मौथला गांव के किसान ने कहा कि उनकी जमीन हाईवे पर है, लेकिन मास्टर प्लान में दूसरी जगह बता दी गई।
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