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नहीं खत्म हो रहा पंजाब का झमेला, कैबिनेट विस्तार पर अपने बयान से क्यों पलट गए रावत?


चंडीगढ़ 
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। विधानसभा चुनाव चुनाव नजदीक आ रहे हैं और पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी राज्य में शांति नहीं करवा पा रहे। रोज नेताओं के नए-नए बयान सामने आ रहे हैं। एक दिन पहले हरीश रावत का बयान आया कि जरूरत पड़ी तो पंजाब में कैबिनेट में बदलाव होगा, अब उन्होंने कहा है कि कैबिनेट में बदलाव की जरूरत नहीं है। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच छिड़ी कलह समाप्त करने पहुंचे कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की। वह उनके सिसवां फार्म हाउस पर पहुंचे। वहां पहले से मौजूद अमरिंदर समर्थित कई विधायकों ने रावत के साथ मुलाकात करके सिद्धू की बयानबाजियों पर रोक लगाने की मांग उठाई। 
हाईकमान को देंगे रिपोर्ट
विधायकों के बाद रावत ने कैप्टन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे मुलाकात चली। इसके बाद रावत ने कहा कि दोनों पक्षों की बातचीत सुन ली गई है। इस संबंध में एक रिपोर्ट हाईकमान को दी जाएगी। 

कैबिनेट में बदलाव की कही थी बात 
रावत ने पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री हाईकमान से बातचीत के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार कर सकते हैं। यह उनके अधिकार क्षेत्र में है। रावत ने कहा कि उन्होंने सत्ता व संगठन के करीब दो दर्जन नेताओं से बातचीत की है। सभी लोग चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में आए। किसी के बीच में जो मनमुटाव हैं उन्हें जल्द समाप्त कर लिया जाएगा।
  'नहीं होगा कैबिनेट में बदलाव'
गुरुवार को हरीश रावत ने कहा कि कैबिनेट में बदलाव का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि पंजाब में सबठीक नहीं है लेकिन जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।


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